Exercise benefits during pregnancy: गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करना न केवल माताओं, बल्कि उनकी होने वाली संतानों के लिए भी अच्छा होता है।
यह दावा किया है ओस्लो यूनिवर्सिटी के खोजकर्ताओं ने जिन्होंने एक सम्मेलन में इस खोज से जुड़े सबूतों की जानकारी दी है।
यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में प्रस्तुत उनकी रिसर्च में 814 नवजात शिशुओं की जांच से पता चला है कि एक्टिव रहने वाली माताओं के शिशुओं की तुलना में निष्क्रिय माताओं से पैदा हुए बच्चों के फेफड़ों की हालत कमजोर थी।
खोजकर्ताओं का मानना है कि यदि गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करने से शिशुओं के फेफड़े बेहतर होते है तो यह उनके श्वसन स्वास्थ्य में सुधार का एक सरल और कम लागत वाला उपाय होगा।
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पिछले अध्ययनों ने बताया है कि जन्म से ही कमजोर फेफड़ों वालों को बड़े होने पर अस्थमा और फेफड़ों की अन्य बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है। इसलिए, शिशुओं में फेफड़ों के बेहतर कार्य से जुड़े कारणों की खोज करना महत्वपूर्ण है।
रिसर्च में कहा गया है कि जब बच्चे लगभग तीन महीने के थे, तब उनके फेफड़ों की कार्यप्रणाली मापी गई थी।
पता चला कि निष्क्रिय माताओं के 290 बच्चों में से 25 के फेफड़ों की कार्य क्षमता निम्न स्तर की थी, जबकि सक्रिय माताओं के 524 बच्चों में से 22 के फेफड़ों की क्षमता घटी हुई थी।
शिशुओं के बड़े होने पर उनके फेफड़े कैसे कार्य करते हैं और यह अस्थमा जैसे श्वसन रोगों के विकास से कैसे संबंधित है, इसके लिए उन पर आगे नजर रखी जाएगी।
इससे यह पता चलेगा कि माताओं द्वारा एक्टिव रहने से अस्थमा, एलर्जी और अन्य गैर-संचारी रोगों पर क्या असर पड़ता है।
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हालांकि, खोजकर्ताओं ने प्रेग्नेंसी में महिलाओं को हेल्थ एक्सपर्ट के निर्देशानुसार आरामदायक और सुलभ तरीके की एक्सरसाइज करने का सुझाव दिया है।
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