Exercise benefits for breast cancer patients: ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों की मानसिक सेहत सही रखने में एक्सरसाइज एक महत्वपूर्ण इलाज है, यह कहना है एक नई रिसर्च का।
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञों संग मिलकर कीमोथेरेपी (Chemotherapy) का इलाज पाए ब्रेस्ट कैंसर रोगियों की घटती मानसिक क्षमता को एक्सरसाइज से दुरुस्त करने की जांच की है।
नतीजों से उत्साहित विशेषज्ञों को उम्मीद है कि उपचार और भारी दवाओं के कारण ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही महिलाओं की दिमागी क्षमता और सोच-विचार में गिरावट को मध्यम से लेकर जोरदार तरीके की एक्सरसाइज से रोक जा सकता है।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी के ऑनलाइन अंक में प्रकाशित स्टडी में, विशेषज्ञों ने कीमोथेरेपी से मानसिक क्षमता में आने वाली गिरावट पर चिंता जाहिर की है।
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इस तरह की चिकित्सा पाए कैंसर के कुछ रोगियों की याददाश्त कम हो जाती है, उन्हें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या अपनी बात कहने के लिए सही शब्द खोजने में दिक्कत होती है।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि उनका विश्लेषण एक्सरसाइज करने से कीमोथेरेपी संबंधित मानसिक गिरावट रोकने का दृढ़ता से समर्थन नहीं करता। यह संभव है कि एक्सरसाइज करने वालों की अन्य विशेषताएं उनकी दिमागी क्षमता की रक्षा करती हो।
लेकिन रिसर्च कीमोथेरेपी से पहले और उसके दौरान एक्सरसाइज द्वारा कैंसर उपचार से उत्पन्न मानसिक क्षमता में गिरावट रोकने की संभावना पर परीक्षणों को प्रेरित जरूर करती है।
दरअसल, इस धारणा का जन्म 580 ब्रेस्ट कैंसर रोगियों और 363 कैंसर मुक्त इंसानों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर हुआ।
दोनों तरह के इंसानों में एक्सरसाइज करने से मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभावों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया।
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पता चला कि कीमोथेरेपी से पहले एक्सरसाइज कर रहे कैंसर मरीजों के मस्तिष्क का प्रदर्शन, कीमोथेरेपी के बाद भी बेहतर था। यही नहीं, उनकी दिमागी कार्य कुशलता कैंसर मुक्त इंसानों के बराबर ही देखी गई।
निष्कर्ष, कैंसर उपचार के समय मरीजों को एक्सरसाइज के लिए प्रोत्साहित करने वाले साक्ष्यों में इजाफा करते है।