कम कैलोरी वाला आहार और हल्के व्यायाम को अपनाने से ल्यूकेमिया (leukemia) पीड़ित युवा रोगियों में कैंसर कोशिकाओं की संभावना 70 प्रतिशत तक कम हो गई, ऐसा अमेरिका में हुई एक रिसर्च में दावा किया गया।
ल्यूकेमिया एक ब्लड कैंसर है जो आमतौर पर बोन मेरो (bone marrow) में शुरू होता है। परिणामस्वरूप, पीड़ित के शरीर में असामान्य रक्त कोशिकाओं (blood cells) की संख्या अधिक होती जाती है।
लेकिन मामूली आहार परिवर्तन और एक्सरसाइज से ही कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स (UCLA) के शोधकर्ताओं ने अधिक गंभीर लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (lymphoblastic leukemia) के मरीजों की सेहत सुधारने का कारनामा कर दिखाया।
अपनी रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि इस बीमारी से ग्रस्त जिन नए मरीजों ने कीमोथेरेपी (Chemotherapy) के तुरंत बाद अपनी कैलोरी को 10 प्रतिशत या उससे अधिक कम किया और एक्सरसाइज शुरू की, उनमें ऐसा कुछ न करने वाले मरीजों के मुकाबले औसतन 70 प्रतिशत कम ल्यूकेमिया कोशिकाएं होने की संभावना थी।
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शोधकर्ताओं ने डाइटिशियन और थेरेपिस्ट के साथ मिलकर 10 से 21 वर्ष के 40 ल्यूकेमिया पीड़ितों को लगभग एक महीने तक कम कैलोरी और एक्सरसाइज पर रखा।
ब्लड एडवांस पत्रिका में प्रकाशित परिणामों में वजनी और मोटे मरीजों की जमा चर्बी में कमी देखी गई। साथ ही, उनके इंसुलिन में सुधार होने से फैटी एसिड और ग्लूकोज में भी सकारात्मक बदलाव आया।
दरअसल बढ़े हुए वजन वाले (overweight) व्यक्तियों के बोन मेरो में कैंसर की ज्यादा कोशिकाएं होने की अधिक संभावना होती है। ऐसी अवस्था में उनका बचना मुश्किल होता है।
लेकिन प्रोग्राम से जुड़े सभी मरीजों के बोन मेरो में ल्यूकेमिया कोशिकाओं के रुकने में 70 प्रतिशत की कमी पाई गई, जो ऐसा न करने वालों में गायब थी।
शोधकर्ताओं का मानना था कि हानिकारक कीमोथैरेपी के बजाय ऐसे प्रयास से मरीजों के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता, उल्टा कीमोथेरेपी के कारण शरीर में आए विषाक्त पदार्थों को भी कम किया जा सकता है।
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ऐसा प्रयास अन्य कैंसर के इलाज में भी प्रभावी हो सकता है।
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