इंग्लैंड के लीसेस्टर बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने COVID-19 से ठीक हो रहे मरीजों में एक्सरसाइज (Exercise) करने से फेफड़ों और दिल के साथ-साथ थकान तथा दिमागी कार्यों में भी महत्वपूर्ण सुधार होते देखा।
क्रॉनिक रेस्पिरेटरी डिजीज पत्रिका में प्रकाशित उनके अध्ययन में तीस ऐसे मरीजों ने भाग लिया, जिन्होंने लगभग 42 दिनों तक चले एक एक्सरसाइज प्रोग्राम में हफ्ते में दो बार शारीरिक गतिविधियां की।
इस रिहैबिलिटेशन थेरेपी (Rehabilitation Therapy) से जुड़े प्रोग्राम में ट्रेडमिल पर चलना, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, और कोरोना वायरस से ठीक होने संबंधी जानकारियां शामिल थी।
वैज्ञानिकों ने संक्रमण से ठीक हो रहे मरीजों की एक्सरसाइज, फेफड़ों और थकने की क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार पाया।
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यही नहीं, जांच से पता चला कि एक्सरसाइज करने से उनके सम्पूर्ण स्वास्थ्य और दिमागी कुशलता में भी सुधार हुआ।
लेकिन इस प्रोग्राम में गंभीर संक्रमण वाले, बीमारियों से पीड़ित अस्वस्थ और स्वाद या गंध खो चुके मरीजों को शामिल नहीं किया गया था।
इसमें सिर्फ संक्रमण झेल चुके 58 वर्ष के पुरुषों और महिलाओं को ही मौका दिया गया।
वैज्ञानिकों ने देखा कि सभी के चलने-फिरने, थकान, सोचने-समझने, दिल और सांस लेने की क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ।
अध्ययन से पहले सभी इस बात को लेकर चिंतित थे कि कही ठीक हो रहे ऐसे मरीजों को एक्सरसाइज जैसी चिकित्सा देने से वायरल के बाद होने वाली थकान या कमजोरी के लक्षण बढ़ न जाएं।
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हालांकि, परिणामों से पता चला कि प्रशिक्षित स्टाफ के कारण अध्ययन में शामिल रोगियों को ज्यादा दिक्कत नहीं आई, बल्कि उनकी कई और सेहत संबंधी समस्याओं में भी सुधार हुआ।