लॉकडाउन (Lockdown) से बड़ों की ही नहीं बल्कि बच्चों की भी स्वस्थ रहने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, ऐसी आशंका विशेषज्ञों ने जताई है।
यूके और स्पेन की यूनिवर्सिटी से जुड़े विशेषज्ञों की एक टीम ने स्पेन स्थित एक स्कूल के 89 बच्चों की जांच की। इनमें 12 से 14 वर्ष के लड़के-लड़कियां शामिल थे।
विशेषज्ञों ने पाया की कोरोना (COVID-19) महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए सख्त लॉकडाउन ने बच्चों को घर तक ही सीमित कर दिया। इससे उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो गई।
फलस्वरूप, उनके दिल, फेफड़ों और मांसपेशियों की ऑक्सीजन लेने की अधिकतम क्षमता (VO2 max) पूरी तरह विकसित नहीं हो पाई।
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उनके अनुसार, किशोरावस्था में कदम रखते बच्चों में शरीर की अधिकतम ऑक्सीजन क्षमता सामान्य परिस्थितियों में एक निश्चित उम्र तक बढ़ जाती है। लेकिन अध्ययन में शामिल बच्चों में इसका निम्न स्तर देखा गया।
सभी बच्चों की अधिकतम ऑक्सीजन क्षमता लॉकडाउन से पहले और लॉकडाउन में छूट देने के बाद जांची गई थी, जो घटी हुई मिली।
यूरोपियन जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित इस रिसर्च के विशेषज्ञों की सलाह थी कि भविष्य में अगर लॉकडाउन फिर से लगाना पड़े तो बच्चों और किशोरों के लिए पार्क और खेल-कूद की सुविधा वाली खुली जगहों को बंद न किया जाए।