बीमारियों रहित एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वस्थ वजन (healthy weight) और मांसपेशियों (muscles) को बनाए रखना कितना जरूरी है, इसका उदाहरण एक नए अध्ययन में देखने को मिला।
अध्ययन में कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) से बचे हुए मरीजों ने अपने शरीर के वजन को तो कम रखा, लेकिन उनकी मांसपेशियां सिकुड़ने से फैट की मात्रा बढ़ गई।
इस वजह से उनमें एक्सरसाइज (exercise) से स्वस्थ वजन और मांसपेशियों को बनाए रखने वालों की तुलना में समय से पहले मृत्यु का खतरा 40 प्रतिशत अधिक हो गया।
कोलोरेक्टल कैंसर बड़ी आंत (colon) या मलाशय (rectum) में शुरू होता है।
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कब्ज रहना, दस्त लगना, ज्यादा गैस बनना, पेट दर्द, मल में खून आना इत्यादि इस बीमारी से जुड़े प्रमुख लक्षण माने जाते है।
हालांकि इस कैंसर के होने की वजह सही अर्थों में अभी तक अज्ञात है, लेकिन विशेषज्ञ इसे ज्यादातर जीवनशैली (lifestyle) से ही प्रभावित मानते है।
द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित इस अध्ययन में जब संतुलित वजन वाले कोलोरेक्टल कैंसर के 1,921 रोगियों का निरीक्षण किया गया तो पता चला कि वेट मेंटेन रखने के बावजूद उनकी मांसपेशियां कमजोर हो चुकी थी।
खासकर महिलाओं में वजन संतुलित रखने पर भी पुरुषों की अपेक्षा मांसपेशियों की क्षति ज्यादा थी।
केवल वेट मेंटेन रखने का मतलब यह नहीं है कि आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा। एक्सरसाइज न करने से मांसपेशियां काफी तेजी से कमजोर हो जाती है, जिससे बीमारियां होने से मृत्यु की आशंका बनी रहती है।
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जीवन भर मांसपेशियों की ताकत बनाए रखना, विशेष रूप से उम्र बढ़ने पर, दीर्घायु और बिना किसी मदद के जीने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना था कि कोलोरेक्टल कैंसर के रोगियों को मांसपेशियों को बनाए रखने और उन्हें विकसित करने वाली फिजिकल एक्टिविटी कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए।
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