किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य (mental health) पर ड्राइविंग (driving) करने के बजाए सीढ़ियां चढ़ना (stairs climbing) या चलने का असर शायद ही अब तक किसी अध्ययन में देखा गया हो।
KIT के इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स एंड स्पोर्ट्स साइंस, और हीडलबर्ग यूनिवर्सिटी के जियोइन्फारमैटिक्स रिसर्च ग्रुप ने अब ऐसी दैनिक गतिविधियों का अध्ययन किया है जो हमारे दैनिक व्यायाम (daily exercise) का सबसे ज्यादा हिस्सा बनती है।
अध्ययन के पहले लेखकों डॉ मार्कस रीचर्ट और डॉ उर्स ब्रौन के अनुसार,”हर दिन सीढ़ियों पर चढ़ने से हमें खुद को अलर्ट और एनर्जी से भरा महसूस करने में मदद मिल सकती है। यह एक्टिविटी सेहत को भी बढ़ाती है।”
वर्तमान स्थिति में कोरोना प्रतिबंधों और सर्दियों के चलते अनुसंधान के निष्कर्ष विशेष रूप से प्रासंगिक है।
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“वर्तमान में, हम पब्लिक और सोशल प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं, जो हमारी सेहत को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है। बेहतर महसूस करने के लिए, अक्सर सीढ़ियों पर चढ़ने से मदद मिल सकती है,” ये कहना है प्रोफेसर हाइक टोस्ट का जो सिस्टम न्यूरोसाइंस साइकिएटरी रिसर्च ग्रुप ऑफ़ साइकिएटरी एंड साइकोथेरेपी के प्रमुख है।
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दैनिक एक्टिविटी सतर्कता और शारीरिक एनर्जी को बढ़ाती है
हर रोज की एक्टिविटी का सतर्कता पर होने वाले प्रभाव को देखने के लिए एक हफ्ते तक 67 लोगों को कंप्यूटर-असिस्टेड कार्यप्रणाली द्वारा चेक किया गया।
यह पाया गया कि एक्टिविटी के बाद व्यक्तियों ने खुद को अधिक सतर्क महसूस किया।
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यहां तक की एक्टिविटी के बाद उनमे और एनर्जी आ गयी थी।
दैनिक एक्टिविटी और सेहत से जुड़े दिमागी हिस्सों की पहचान हुई
ऐसी ही अन्य रिसर्च, CIMH में 83 लोगों के दूसरे ग्रुप में भी की गई जिनकी मैग्नेटिक रेसोनेंस टोमोग्राफी (magnetic resonance tomography) जांच की गई।
इसमें देखा गया की दिमाग का कौनसा हिस्सा दैनिक एक्टिविटी करने में सहायता करता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि सेरेब्रल कॉर्टेक्स (cerebral cortex) का एक भाग रोजमर्रा की गतिविधि और सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। इसी हिस्से में मनोचिकित्सक विकारों को रोका और भावनाओं को कंट्रोल किया जाता है।
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रोजमर्रा की जिंदगी में शारीरिक गतिविधि का विशिष्ट उपयोग
परिणाम बताते हैं कि रोजमर्रा के जीवन में शारीरिक गतिविधि मानसिक विकारों से ग्रस्त अतिसंवेदनशील व्यक्तियों के लिए भी फायदेमंद है।
भविष्य में, अध्ययन के निष्कर्षों का उपयोग स्मार्टफोन ऐप में किया जा सकता है जो यूजर्स को घटती एनर्जी के मामले में एक्टिव होने के लिए प्रेरित करेगा ताकि वो अपनी सेहत बढ़ा सके।