बिना जिम जाए या विशेष उपकरणों के इस्तेमाल के भी आप चुस्त-दुरुस्त रह सकते है।
मैकमास्टर विश्वविद्यालय के किनेसियोलॉजिस्ट के अनुसार छोटी अवधि में उत्साहपूर्वक की गई बॉडीवेट एक्सरसाइज (bodyweight exercises) से भी आप अपनी कार्डियोवस्कुलर फिटनेस में सुधार कर सकते है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एक्सरसाइज साइंस में हाल ही में प्रकाशित इस अध्ययन के निष्कर्ष व्यावहारिक, समय बचाने वाले और कम-तकनीकी प्रभाव के स्वास्थ्य लाभ देने वाले है।
वैसे तो बॉडीवेट स्टाइल प्रशिक्षण लोकप्रिय है लेकिन शारीरिक गतिविधि के दौरान साँस द्वारा मांसपेशियों को ऑक्सीजन देने की क्षमता (cardiorespiratory fitness) में सुधार के लिए इस पर सीमित शोध हुआ है।
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नए अध्ययन को डॉ बिल ओर्बन द्वारा 1950 के दशक में विकसित ‘पांच बेसिक एक्सरसाइज’ सिद्धांत वाले फिटनेस प्लान पर आधारित किया गया है।
इस प्लान को किसी विशेष सुविधा या उपकरण पर निर्भर हुए बिना ही किसी व्यक्ति के फिटनेस स्तर के अनुरूप बनाया जा सकता है।
अध्ययन की मुख्य बातें:
- शोध में कुछ सरल कैलिसथेनिक्स (बॉडीवेट एक्सरसाइज) जैसे एक जगह दौड़ना, बर्पी और स्क्वाट जंप शामिल थे।
- भाग लेने वालों ने अपनी सहूलियत से “चुनौतीपूर्ण” गति द्वारा इन गतिविधियों को किया।
- 11 मिनट के इस रुटीन में पहले एक संक्षिप्त वार्म-अप शामिल किया गया।
- प्रति सप्ताह तीन बार का यह प्रशिक्षण छह हफ्ते तक किया गया।
- जिन लोगों ने ये एक्सरसाइज नहीं की थी उनकी तुलना में इन्हे करने वालों का कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस लेवल अच्छा था।
क्यों जरूरी है:
- अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार कोरोना महामारी और लॉकडाउन से जिम बंद हो गए है।
- कई लोगों के पास समय है लेकिन प्रतिबंधों और सोशल डिस्टन्सिंग की वजह से उनके सामने स्वयं को फिट रखने की चुनौती है।
- कम से कम अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए यह एक्सरसाइज व्यावहारिक और समय बचने वाली है।
- इस तरह का वर्कआउट कहीं भी, समय बचाते हुए और विशेष उपकरणों की आवश्यकता के बिना किया जा सकता है।
- स्वास्थ्य और बीमारी संबंधित खतरे को दूर करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है। ALSO READ: एरोबिक एक्सरसाइज रोकती है बढ़ती उम्र को