ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) यानि जोड़ों के दर्द के चलते अगर घुटनों में दर्द है तो इस तरह एक्सरसाइज करने से फायदे के बजाए उल्टा नुकसान हो सकता है।
जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हाई इंटेंसिटी की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (high-intensity strength training) करने की बजाए लो इंटेंसिटी की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (low-intensity strength training) से ऑस्टियोआर्थराइटिस से हुए घुटने के दर्द में सुधार आ सकता है।
विशेषज्ञ जोड़ों के दर्द से उबरने के लिए दर्द निवारक दवाओं की तुलना में व्यायाम को ज्यादा मददगार मानते है।
दरअसल ऑस्टियोआर्थराइटिस, जिसे गठिया भी कहा जाता है, हड्डियों के सिरे पर मौजूद कार्टिलेज के घिसने की वजह से या जोड़ों पर चोट लगने से भी हो जाता है।
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अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस समस्या से ग्रस्त 50 की उम्र के 300 से ज्यादा रोगियों को उच्च-तीव्रता शक्ति प्रशिक्षण की प्रभावकारिता मापने के लिए शामिल किया।
कुछ प्रतिभागियों को उच्च-तीव्रता की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कुछ को कम-तीव्रता की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करवाई गयी।
18-महीने के बाद जांच करने पर ज्यादा और तीव्रता से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने वालों के दर्द और घुटने की ताकत में हल्की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज करने वालों से तुलना करने पर कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं देखा गया।
इसलिए खोजकर्ता नियंत्रित ढंग से ध्यानपूर्वक की गई कम-तीव्रता वाली स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को ही जोड़ों के दर्द में करने का सुझाव देते है।
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