मसल्स (muscles) बनाने के लिए एनाबॉलिक एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड (Anabolic androgenic steroids) का उपयोग दिमाग को समय से पहले ही बूढ़ा बना सकता है।
नॉर्वे के ओस्लो विश्वविद्यालय अस्पताल के एक नए अध्ययन से पता चलता है कि एनाबॉलिक स्टेरॉयड उपयोगकर्ता के शरीर के अलावा दिमाग पर भी घातक प्रभाव डालकर तेजी से उम्रदराज बना सकते है।
दिमाग की तेजी से बढ़ती आयु के कारण इसकी कार्य कुशलता खत्म होने लगती है, जिससे कई तरह के मानसिक विकारों का खतरा हो जाता है।
आपको बता दें कि एनाबॉलिक एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड, पुरुष सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन (testosterone) के केमिकल से बने सिंथेटिक रूप होते है। डॉक्टर इनका इस्तेमाल हार्मोन असंतुलन से ग्रस्त मरीजों के उपचार में करते है।
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लेकिन आजकल इनका अधिक उपयोग खिलाड़ियों या जिम जाने वालों द्वारा कम समय में ही अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में धड़ल्ले से किया जा रहा है।
एनाबॉलिक स्टेरॉयड के उपयोग से मांसपेशियों और ताकत में वृद्धि तो होती है, मगर मुंहासों से लेकर दिल की समस्याओं और अधिक आक्रामक व्यवहार जैसे कई दुष्प्रभाव भी होते है।
खासकर लंबे समय तक बहुत अधिक मात्रा में लिया जाने के कारण, ये दिमाग पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते है।
इसे संबंधित साक्ष्य जुटाने के लिए वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक स्टेरॉयड लेने वाले 130 पुरुष वेटलिफ्टरों और 99 ऐसे वेटलिफ्टरों के दिमाग का एमआरआई (MRI) स्कैन किया, जिन्होंने कभी इनका उपयोग नहीं किया था।
सभी के दिमाग की उम्र जांनने के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि स्टेरॉयड वाले वेटलिफ्टरों के दिमाग की उम्र दूसरों के मुकाबले बहुत तेजी से बढ़ी रही थी। इसके दुष्प्रभाव से बुढ़ापे में उनके जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका बनी रही।
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बायोलॉजिकल सायकेट्री: कॉग्निटिव न्यूरोसाइंस एंड न्यूरोइमेजिंग पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के परिणाम, स्टेरॉयड लेने की सोचने वाले युवाओं और शारीरिक क्षमता बढ़ाकर प्रदर्शन सुधारने वाले खिलाड़ियों के लिए चिंता का विषय हो सकते है।