वजन (Weight) और चर्बी (Fat) कम करने के लिए अक्सर फास्टिंग (Fasting) यानी उपवास रखने की सलाह दी जाती है, लेकिन एक हालिया अध्ययन ने इस विधि को कम प्रभावी बताया है।
36 लोगों पर हुए तीन सप्ताह के इस अध्ययन में, इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) और दैनिक कैलोरी को कम (Energy Restriction) करने जैसे तरीकों की तुलना करते हुए, इंटरमिटेंट फास्टिंग को चर्बी घटाने में कम प्रभावी पाया गया।
अध्ययन के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग, जो वजन कम करने (Weight Loss) के लिए किए जाने वाले उपवास की एक विधि है, से शरीर और मेटाबॉलिज्म को कोई खास लाभ नहीं मिलता।
इस विधि में एक दिन छोड़कर किए जाने वाले उपवास द्वारा वजन कम करने का प्रचलन है।
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वजन घटाने के लिए रखे जाने वाले उपवास के कई तरीके प्रचलित है।
इनमें हफ्ते में पांच दिन भोजन और दो दिन का उपवास से लेकर एक दिन भोजन और अगले दिन उपवास रखने की विधियां ज्यादा प्रसिद्द है।
कई लोग उपवास को अपनाना आसान बताते है। यहां तक कि कई अध्ययनों ने भी उपवास रखने से वजन घटाने वाले लाभकारी परिवर्तनों का जिक्र किया है।
हालांकि, कुछ ही अध्ययनों ने इंटरमिटेंट फास्टिंग के विशिष्ट प्रभावों या इसकी तुलना दैनिक कम कैलोरी विधि से करके देखी गई है।
ऐसे में, कुछ वैज्ञानिकों ने पहल करते हुए 36 दुबले-पतले इंसानों को तीन तरह के उपवास परीक्षण से गुजारा।
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कुछ ने एक दिन छोड़कर कड़ी इंटरमिटेंट फास्टिंग की, कुछ ने कैलोरी कम की और बचे हुओं ने सिर्फ एक दिन छोड़कर लेकिन बिना कैलोरी में कोई कमी किए उपवास रखा।
तीन सप्ताह के बाद, सभी की जांच करने पर पता चला कि कैलोरी कम करने वालों ने वजन और चर्बी दोनों में लगभग दो किलो घटाया।
एक दिन छोड़कर कड़ी इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों ने भी वजन कम किया, लेकिन उनकी चर्बी घटने में मामूली कमी आई।
बिना कैलोरी में कोई कमी किए उपवास रखने वालों के वजन या चर्बी में कोई महत्वपूर्ण गिरावट नहीं दिखाई दी।
विशेषज्ञों ने नोट किया कि कड़ी इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों में थोड़ी चर्बी घटने का कारण उनका कम सक्रिय होना हो सकता है।
इसलिए उनकी सलाह थी कि इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाने वालों को अपनी कैलोरी खर्च करने के लिए शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
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