नियमित रूप से एरोबिक एक्सरसाइज (aerobic exercise) जैसे चलना, दौड़ना या साइकिल चलाने से उम्र बढ़ने पर भी मस्तिष्क की सेहत और कार्य कुशलता बनी रहती है।
अमेरिका के टेक्सास यूनिवर्सिटी में हुई इस नई खोज में कहा गया है कि बुजुर्गों ने भी जब एरोबिक एक्सरसाइज (aerobic exercise) को एक वर्ष तक किया तो उनके दिमाग में खून का का प्रवाह बढ़ गया जिससे कमजोर होती याददाश्त और सोचने, समझने तथा तर्क-वितर्क से जुड़ी डिमेंशिया (dementia) बीमारी भी धीमी हो गई।
खोज से जुड़े वैज्ञानिक मस्तिष्क के स्वास्थ्य को एक्सरसाइज (exercise) से बनाए रखने की वकालत करते हुए कहते है कि इससे गिरती मानसिक कार्य क्षमताओं को लाभ होगा। चिकित्सकों को भी संबंधित मरीजों से इसे अपनाने की सलाह देनी चाहिए।
65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के इंसानों के मस्तिष्क में स्मृति, निर्णय लेने या तर्क कौशल को प्रभावित करने से जुड़े बदलाव कई मामलों में डिमेंशिया (dementia) सहित अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s disease) के विकास को तेज कर देते है।
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इसके प्रमुख कारणों में मस्तिष्क में खून का कम प्रवाह और इससे संबंधित रक्त वाहिकाओं (blood vessels) का कठोर हो जाना है।
लेकिन नियमित एरोबिक एक्सरसाइज से वृद्धों की मानसिक कार्य कुशलता में भी सुधार लाना संभव है।
इसके प्रमाण के लिए वैज्ञानिकों ने 55 से 80 वर्ष की आयु के 70 पुरुषों और महिलाओं में से कुछ को एक वर्ष तक 30 से 40 मिनट की तेज चलने वाली एरोबिक एक्सरसाइज और कुछ को सिर्फ स्ट्रेचिंग (stretching) एक्सरसाइज करवाई।
एक साल बाद एरोबिक एक्सरसाइज करने वालों की सांस लेने की क्षमता (oxygen consumption) में सुधार हुआ। फलस्वरूप, उनकी गर्दन में रक्त वाहिकाओं की कठोरता कम हुई और मस्तिष्क में रक्त प्रवाह तेज हुआ।
लेकिन स्ट्रेचिंग करने वाले में ऐसा कोई सुखद परिवर्तन नहीं पाया गया।
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यानि एक्सरसाइज से मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह की बढ़ोतरी हुई, जो मानसिक कार्य कुशलता व स्वास्थ्य को बनाएं रखने के लिए एक अच्छी बात थी।