Exercise Health Benefits: एक नई स्टडी ने मोटापे से परेशान इंसानों द्वारा एक्सरसाइज करने से उनके दिमाग में इंसुलिन सेंस्टिविटी (Brain Insulin Sensitivity) बहाल होने की जानकारी दी है।
स्टडी करने वाले जर्मनी के हेल्थ रिसर्चर्स ने आठ सप्ताह तक एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic exercise) करने वालों के इंसुलिन में स्वस्थ इंसान जितना ही सुधार पाया है।
नतीजों से उत्साहित रिसर्चर्स ने एरोबिक एक्सरसाइज को मोटापा (Obesity) एवं डायबिटीज (Diabetes) के दोषी ख़राब इंसुलिन को सुधारने वाली नई चिकित्सा बताया है।
बता दें कि इंसुलिन बिगड़ने से सोचने, समझने और याददाश्त जैसी मानसिक क्षमताओं में भी गिरावट आती है। इससे डिमेंशिया (Dementia) होने का खतरा बढ़ सकता है।
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उनका कहना है कि यदि हमारा दिमाग इंसुलिन को सही से कंट्रोल नहीं करता है तो इससे शरीर के मेटाबॉलिज़्म और खाने के तौर-तरीक़े पर भी बुरा असर पड़ता है।
स्टडी में मोटापे से ग्रस्त 21 से 59 वर्ष की आयु के सात पुरुषों और 14 महिलाओं ने भाग लिया था।
उनके दिमाग की इंसुलिन सेंस्टिविटी के स्तर को तेज चलने और दौड़ने वाली एक्सरसाइज शुरु करने के आठ सप्ताह पहले और बाद में एमआरआई द्वारा जाना गया।
स्टडी समाप्त होने के बाद उनके मस्तिष्क की इंसुलिन क्रिया में स्वस्थ वजन वाले व्यक्ति के स्तर जितना सुधार देखा गया।
मस्तिष्क में इंसुलिन बेहतर होने से उनके मेटाबॉलिज़्म पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। उनमें भूख लगने की अनुभूति और शरीर के अंदरूनी अंगों पर जमा हानिकारक चर्बी कम हुई।
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निष्कर्ष बताते है कि मस्तिष्क में उत्पन्न इंसुलिन रेजिस्टेंस को पलटा जा सकता है। इससे मेटाबॉलिज़्म और बढ़े हुए वजन को सुधारने के लिए सेंट्रल नर्वस सिस्टम को फिर से सही किया जा सकता है।
परिणामस्वरूप, शरीर पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव कम होंगे और मोटापे तथा डायबिटीज के लिए संभवतः नया उपचार मिल सकेगा।
जर्मन रिसर्चर्स की यह स्टडी जेसीआई इनसाइट जर्नल में विस्तारपूर्वक पढ़ी जा सकती है।