Increasing daily steps benefits: एक दिन में अधिक चलने से न केवल अकाल मृत्यु (Premature death) का जोख़िम घट सकता है बल्कि उम्र भी लंबी हो सकती है।
यह जानकारी चार महाद्वीपों के लगभग 50,000 महिलाओं-पुरुषों को शामिल कर हुए 15 अध्ययनों के विश्लेषण से प्राप्त हुई है।
अध्ययन के परिणामों में 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के मनुष्यों को प्रतिदिन देर तक चलने-फिरने से कई बीमारियों में राहत भी बताई गई है।
अध्ययन से जुड़े मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य शोधकर्ताओं और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक समूह ने रोज़ाना अधिक कदम चलने को किसी भी स्वास्थ्य कारण से होने वाली अकाल मृत्यु को घटाने में सहायक पाया है।
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इन निष्कर्षों की सूचना लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई है।
नतीजों की मानें तो 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को प्रतिदिन लगभग 6,000 से 8,000 कदम चलने पर ही समय से पूर्व मृत्यु का डर कम होते देखा गया।
इससे अधिक चलने पर उनके दीर्घायु जैसे लाभ पर कोई अतिरिक्त असर नहीं पड़ा।
60 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए यह लाभ प्रतिदिन 8,000 से 10,000 कदम चलने के बाद स्थिर हो गया।
दिलचस्प बात यह रही कि प्रतिदिन चलने की गति का अकाल मौत से कोई निश्चित संबंध नहीं पाया गया।
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इसका मतलब यह हुआ कि अधिक समय तक चलना मायने रखता है, धीमी या तेज चाल नहीं।
नए अध्ययन के नतीजे कदमों की संख्या से जुड़े पिछले अध्ययन का भी समर्थन करते है, जिसमें दिन में कम से कम 7,000 कदम चलने से मध्यम आयु वालों को स्वास्थ्य कारणों से होने वाली अकाल मृत्यु का ख़तरा कम पाया गया था।
विश्लेषण में हर दिन 3,500 या कम कदम चलने वालों को 5,800, 7,800 और 10,900 कदम चलने वालों की तुलना में असमय मौत का ख़तरा ज्यादा मिला।
जो लोग एक दिन में 7,800 या ज्यादा कदम चले उनमें मृत्यु का जोख़िम 40 से 53 फ़ीसदी कम था।
ऐसे में वैज्ञानिक दल की सलाह थी कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक को प्रतिदिन अधिक समय तक चलना-फिरना और कम बैठना चाहिए।
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