स्मृति हानि (memory loss) आज की व्यस्त जीवन शैली (lifestyle) में एक मुख्य समस्या बनती जा रही है।
जीवनशैली का आपके शरीर और दिमाग पर गहन प्रभाव पड़ता है। इससे न केवल आपकी सेहत (health) बल्कि याददाश्त (memory) भी प्रभावित होती है।
मेडिकल और साइंटिफिक रिसर्च के अनुसार, जीवनशैली में बदलाव से वृद्धावस्था में होने वाली याददाश्त की समस्या (memory problem) को धीमे किया जा सकता है।
इसी आधार पर इन पांच तरीकों से आप हर दिन अपनी याददाश्त को दुरुस्त कर दिमाग और शरीर को स्वस्थ रख सकते है।
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रात को अच्छी नींद लें: जो लोग रात में अच्छी तरह से नहीं सोते हैं, वे उन लोगों की तुलना में अधिक भुलक्कड़ होते हैं, जो आराम की नींद सोते हैं। यादों को मजबूत करने के लिए एक अच्छी नींद आवश्यक है। खराब नींद का सबसे आम कारण अनिद्रा (insomnia) है। दुर्भाग्य से, अनिद्रा का इलाज करने के लिए उपयोग की जाने वाली कई दवाएं याददाश्त और सामान्य मस्तिष्क कार्य को भी बाधित कर सकती हैं। इसीलिए सबसे पहले अपनी नींद की आदतों में सुधार करने की कोशिश करना सबसे अच्छा है। दवाइयों की ओर तभी रुख करें यदि ये कदम मददगार नहीं होते।
धूम्रपान (smoking) छोड़ें: धूम्रपान करने वालों में नॉनस्मोकर्स की तुलना में उम्र से संबंधित भूलने की बीमारी और अन्य स्मृति समस्याएं अधिक होती है। जो लोग अपने मध्य जीवन में एक दिन में दो से अधिक पैकेट सिगरेट पीते हैं, उनमें पुराने से पुराने डिमेंशिया (dementia) के होने की संभावना नॉनस्मोकर्स की तुलना में दोगुनी होती है। हालांकि, जो लोग मिडलाइफ़ में स्मोकिंग करना बंद कर देते हैं और जो लोग दिन में आधे पैक से कम धूम्रपान करते हैं, उन्हें भी मनोभ्रंश (dementia) का एक उतना ही जोखिम होता है, उन लोगों के मुकाबले जो कभी धूम्रपान नहीं करते है।
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तनाव (stress) को कंट्रोल करें: कार्य और जीवन से जुड़े दैनिक तनाव (stress) निश्चित रूप से आपको विचलित कर सकते है। इससे ध्यान केंद्रित करने और याद करने की आपकी क्षमता प्रभावित होती हैं। लेकिन बड़ी समस्या है बढ़ती चिंता (anxiety) की जिससे आपकी याददाश्त को जबरदस्त हानि हो सकती है। यदि आपके पास अपने तनाव को प्रबंधित करने के लिए कोई रणनीति नहीं है, तो अपनी स्मृति की सुरक्षा के लिए आपको कोई न कोई रास्ता ढूंढ़ना ही होगा। ऐसे में गहरी साँस लेना, ध्यान लगाना, एक्सरसाइज, योग, और जीने के प्रति एक “माइंडफुल” (mindful) दृष्टिकोण मदद कर सकते है।
शराबखोरी (alcoholism): बहुत ज्यादा शराब पीने से मेमोरी लॉस (memory loss) और डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है। शराबखोरी से पीड़ित लोगों को शार्ट-टर्म स्मृति कार्यों, जैसे कोई सूची याद रखना, को संचालित करने में भी कठिनाई होती है। शराब के उपयोग से जुड़ी एक अन्य प्रकार की मेमोरी लॉस को कोर्साकॉफ (Korsakoff’s) सिंड्रोम कहा जाता है। इस स्थिति में, मस्तिष्क पर शराब के विषाक्त प्रभाव के साथ दीर्घकालिक विटामिन बी1 की कमी अचानक भूलने की बीमारी (amnesia) को ट्रिगर कर सकती है। कुछ मामलों में यह मेमोरी लॉस स्थायी होता है, लेकिन अगर जल्दी इलाज किया जाए, तो इसे कुछ हद तक उलटा किया जा सकता है।
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दिमागी चोट से बचे: सिर की चोट स्मृति हानि (memory loss) का एक प्रमुख कारण है और इससे डिमेंशिया (dementia) विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। हमेशा हाई-स्पीड गतिविधियों और खेल के दौरान सही हेड गियर का उपयोग करें। वाहन चलाते समय सीट बेल्ट पहनें। कार दुर्घटनाएं मस्तिष्क की चोट का सबसे आम कारण हैं, और सीट बेल्ट पहनने से सिर की गंभीर चोट की संभावना बहुत कम हो जाती है। साइकिल चलाते समय, मोटरसाइकिल पर सवार होकर, स्केटिंग और स्कीइंग करते समय भी सुरक्षित हेलमेट पहनें।
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मस्तिष्क का विस्तार करें: जोर से पढ़कर, चित्र बनाकर, या जो जानकारी आप सीखना चाहते हैं, उसे लिखकर मस्तिष्क के याददाश्त से जुड़े क्षेत्रों का विस्तार किया जा सकता है। बस किसी चीज़ की दृश्य छवि बनाने से याद रखने और समझने में आसानी होती है। यह सूचना को अधिक सटीक बनाने के लिए फायदेमंद है। हालांकि, उम्र के साथ होने वाली मामूली याददाश्त कमजोरी आमतौर पर अल्जाइमर (Alzheimer’s) रोग जैसी गंभीर समस्या के संकेत नहीं हैं, बल्कि मस्तिष्क की संरचना और कार्य में सामान्य परिवर्तन का परिणाम है।