Breast cancer पीड़ितों को क्षमतानुसार 30 मिनट की एक्सरसाइज (Exercise) ज़रूर करनी चाहिए।
यह सलाह फ़िनलैंड की एक यूनिवर्सिटी स्टडी ने 20 कैंसर पीड़ित महिलाओं की जांच के बाद दी है।
भाग लेने वाली महिलाओं को हाल ही में Breast cancer का पता चला था। इसलिए उनका उपचार शुरू नहीं हुआ था।
स्टडी में 30 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज से उनके खून में ट्यूमर मारने वाली श्वेत रक्त कोशिकाओं (tumor-killing white blood cells) की वृद्धि मिली।
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इसका खुलासा एक्सरसाइज से पहले और एक्सरसाइज के बाद लिए गए उनके ब्लड सैंपल की जांच से हुआ।
बता दें कि हमारे इम्यून सिस्टम की प्रहरी श्वेत रक्त कोशिकाएँ कैंसर, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में दक्ष है।
लेकिन सभी श्वेत रक्त कोशिकाएँ कैंसर नष्ट नहीं करती, बल्कि कुछ इस रोग को बढ़ावा भी दे सकती हैं।
स्टडी में एक्सरसाइज से कैंसर पीड़ितों के खून में Natural killer (NK) cells और cytotoxic T (CD8+) cells की संख्या और अनुपात बढ़ा हुआ मिला।
जबकि कैंसर को बढ़ावा देने वाली Myeloid-derived suppressor cells (MDSC) और regulatory T (Treg) cells का अनुपात या तो वही रहा या घट गया।
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स्टडी में, यह भी देखा गया कि एक्सरसाइज के एक घंटे बाद लगभग सभी प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या वापस कम हो गई।
लेकिन कई प्रीक्लिनिकल स्टडीज़ में, कैंसर नष्ट करने वाली कोशिकाओं को ट्यूमर क्षेत्र में घुसपैठ करते हुए देखा गया था।
स्टडी में यह भी पाया गया कि ट्यूमर जितना बड़ा होता है, कैंसर नष्ट करने वाली कोशिकाओं की संख्या उतनी ही कम बढ़ती है।
यदि breast cancer एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरोन रिसेप्टर-पॉजिटिव है तो cytotoxic T cells की संख्या हार्मोन रिसेप्टर-नेगेटिव कैंसर की तुलना में कम बढ़ेगी।
यानी इम्यून सिस्टम कैंसर को नष्ट करेगा या सहयोग, यह रोगी के शरीर में मौजूद विभिन्न श्वेत रक्त कोशिकाओं के संतुलन पर निर्भर करेगा।
यदि ट्यूमर क्षेत्र में कैंसर बढ़ाने वाली कोशिकाओं की अपेक्षा नष्ट करने वाली अधिक हैं, तो शरीर कैंसर से लड़ने में अधिक सक्षम रहेगा।
कुल मिलाकर, जांचकर्ताओं ने सभी कैंसर रोगियों के लिए एरोबिक एक्सरसाइज करना फायदेमंद बताया है।
तुर्कू यूनिवर्सिटी की यह स्टडी फ्रंटियर्स इन इम्यूनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।