Plastic products cause obesity: अभी तक आपने खाने-पीने से ही मोटापा आने की बात सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते है कि प्लास्टिक भी वजन बढ़ा सकता है?
जी हां, ये चौकाने वाला खुलासा किया है नॉर्वे और जर्मनी के शोधकर्ताओं की टीम ने।
उनकी हालिया रिसर्च ने दैनिक जीवन में भोजन या पानी के रख-रखाव के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट्स (Plastic products) से अधिक वजन या मोटापा विकसित होने की जानकारी दी है।
इसके लिए प्लास्टिक प्रोडक्ट्स में मौजूद हानिकारक केमिकल जिम्मेदार पाए गए है।
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टीम के मुताबिक, सस्ते और साधारण प्लास्टिक में कई ऐसे केमिकल होते है, जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते है। इसका दुष्प्रभाव शरीर के वजन पर पड़ता है।
इस खोज के लिए विशेषज्ञों ने लैब में रोजमर्रा के उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले 34 विभिन्न प्लास्टिक प्रोडक्ट्स के केमिकलों की जांच की है।
उन्होंने इनमें 55,000 से अधिक विभिन्न केमिकल कंपोनेंट्स पाए और 629 पदार्थों की जांच की। उनमें से ग्यारह हमारे पाचन तंत्र को बाधित करने वाले मिले।
प्लास्टिक पर हुए पिछले अध्ययन भी यह बताता है कि इसमें मौजूद केमिकल हमारे विकास और प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते है। अब इसमें मोटापा लाने का दोष भी शामिल हो गया है।
लैब टेस्ट में जांचे गए एक तिहाई प्लास्टिक प्रोडक्ट्स के केमिकल वसा कोशिकाओं (Fat cells) के विकास में योगदान करते पाए गए है।
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इन प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल पदार्थों ने वसा कोशिकाओं को शरीर में अधिक चर्बी जमा करने के लिए बार-बार उत्तेजित किया।
हालांकि, जांच के दौरान सभी प्लास्टिक प्रोडक्ट्स वसा कोशिकाओं के विकास को प्रेरित करते नहीं मिले है।
विशेषज्ञों को प्लास्टिक निर्माण में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला केमिकल बिस्फेनॉल ए (Bisphenol A) मेटाबॉलिज़्म में गड़बड़ी करता मिला है।
प्लास्टिक को टिकाऊ और मजबूत बनने वाले phthalates और bisphenols केमिकल के अलावा भी कई अन्य पदार्थ अधिक वजन और मोटापे को बढ़ाने वाले दुष्प्रभावों में योगदान करते मिले है।
बता दें कि अधिक वजन या मोटापा कई घातक बीमारियों का प्रमुख कारण है। साथ ही, इनके विकास से कोरोनावायरस और अन्य संक्रमणों के विरुद्ध भी शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
इस नवीनतम अध्ययन के नतीजे एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किए गए है।