ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत में ही इलाज मिलने से पीड़ित के जीवित रहने की दर लगभग 100% होती है।
लेकिन कैंसर की गांठ बढ़ जाने पर मरीज़ के बचने की दर लगभग 25% तक रह जाती है।
ब्रेस्ट कैंसर रोगियों के जीवित रहने की दर सुधारने के लिए यूएस वैज्ञानिकों ने एक वियरेबल अल्ट्रासाउंड बनाया है।
यह डिवाइस महिलाओं को घर बैठे ही शुरुआती चरणों के ट्यूमर का पता लगाने में मदद कर सकता है।
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डिवाइस को ब्रेस्ट कैंसर के उच्च जोखिम वाली महिलाएं ब्रा में लगाकर स्वयं ही जांच कर सकती है।
डिवाइस एक लचीला, 3D-प्रिंटेड, पोर्टेबल व उपयोग में आसान पैच है, जो आसानी से ब्रा में लग सकता है।
पैच के साथ लगे अल्ट्रासाउंड ट्रैकर को घुमाकर घर पर ही ब्रेस्ट की विभिन्न कोणों से जांच हो सकती है।
अल्ट्रासाउंड से मिली तस्वीरें मेडिकल सेंटर की अल्ट्रासाउंड जांच के बराबर ही साफ़ और स्पष्ट होंगी।
परीक्षण के दौरान, उपयोगकर्ता नए डिवाइस से प्रारंभिक चरण के ट्यूमर का पता लगाने में सक्षम थी।
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डिवाइस 0.3 सेंटीमीटर छोटे आकर से लेकर 8 सेंटीमीटर तक की गहराई के टिश्यू को साफ़ दिखा सकता था।
फिलहाल, स्कैनर की अल्ट्रासाउंड छवियां देखने के लिए इसे अल्ट्रासाउंड मशीन से जोड़ना पड़ेगा।
लेकिन जल्दी ही लगभग एक स्मार्टफोन के आकार जितना इमेजिंग सिस्टम बनाया जा रहा है।
यही नहीं, समय के साथ बदलते ट्यूमर के आकार पर एक AI की मदद से नज़र रखने की संभावना भी है।
नए अल्ट्रासाउंड पैच का उपयोग नियमित स्क्रीनिंग के लिए बार-बार किया जा सकता है।
वैज्ञानिक इसे शरीर के अन्य हिस्सों को स्कैन करने लायक भी बनाने की कोशिश कर रहे है।
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का यह कारनामा साइंस एडवांसेज़ पत्रिका में छपा था।