फेफड़ों (Lungs) को स्वस्थ रखने में ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 fatty acids) का सेवन लाभकारी हो सकता है।
ऐसा एक नई स्टडी ने बताया है जिसमें यूएस की कई यूनिवर्सिटीज़ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल थे।
अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ओमेगा-3 हार्ट डिजीज, स्ट्रोक व कैंसर रोकने में सहायक माना जाता है।
लेकिन वर्तमान स्टडी ने फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी इसकी अहम भूमिका उजागर की है।
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यह स्टडी अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में प्रकाशित हुई है।
नतीजों में, ओमेगा-3 और फेफड़ों के बीच संबंध पर अब तक के सबसे मजबूत सबूत मिले है।
मछली के अलावा सप्लीमेंट और शाकाहारी ओमेगा-3 से भी फेफड़ों की कार्यक्षमता में गिरावट रोकना संभव मिला है।
खून में ओमेगा-3 के स्तर और फेफड़ों की कार्यप्रणाली के बीच संबंध बताने वाली स्टडी दो भागों में हुई थी।
पहले भाग में, विशेषज्ञ टीम ने 56 वर्षीय 15,063 स्वस्थ अमेरिकियों के हेल्थ डाटा का विश्लेषण किया था।
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सात से लेकर 20 साल तक चली जांच में ओमेगा-3 का उच्च स्तर फेफड़ों के कार्यों में कम गिरावट से जुड़ा था।
ख़ासकर सैल्मन, ट्यूना एवं सार्डिन मछलियों के ओमेगा-3 में मिले DHA ने फेफड़ों को सबसे ज़्यादा मजबूती दी।
दूसरे भाग में, टीम ने 500,000 से अधिक यूरोपीय रोगियों के आनुवंशिक (Genetic) डेटा का विश्लेषण किया था।
उनके खान-पान से खून में मौजूद ओमेगा-3 की जांच द्वारा फेफड़ों के स्वास्थ्य पर असर जाना गया।
नतीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड का उच्च स्तर, जिसमें DHA भी शामिल था, फेफड़ों की बेहतर कार्यक्षमता से जुड़ा मिला।
टीम का अगला लक्ष्य क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) रोगियों के फेफड़ों की कार्यक्षमता देखना है।
यह निर्धारित करने के लिए कि उनके खून में ओमेगा-3 स्तर से समान लाभकारी संबंध पाए जाते हैं या नहीं।
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