उमस (Humidity) भरी गर्मी दिल (Heart) के लिए असहनीय हो सकती है, ऐसा एक नई स्टडी का कहना है।
यूएस स्टडी ने बढ़ती उमस से 34 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान में तेज धड़कन (Heart rate) बताई है।
स्टडी विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी अवस्था को कार्डियोवस्कुलर स्ट्रेन (Cardiovascular strain) के रूप में जाना जाता है।
तेज गर्मी बुजुर्गों में कमज़ोरी व मौत लाती है, लेकिन नई स्टडी ने मध्यम गर्मी से युवाओं के दिल को भी हानि कही है।
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बता दें कि धरती पर अत्यधिक गर्मी पड़ना जारी है और पिछले हफ्ते ही तापमान में लगातार दो दिन वृद्धि बताई गई थी।
ताज़ा जानकारी 51 स्वस्थ युवाओं पर हुए परीक्षण से मिली है, जिसमें उन्हें एक चेंबर के अंदर चहलकदमी करनी थी।
वैज्ञानिकों ने इस चेंबर के तापमान और उमस में हर पांच मिनट के बाद वृद्धि करना शुरू किया।
सेंसर की मदद से चेंबर में उपस्थित युवाओं की धड़कन और अंदरूनी अंगों के तापमान पर नज़र रखी गई।
पता चला कि किसी व्यक्ति की धड़कन उसके आंतरिक तापमान में वृद्धि होने से पहले ही बढ़ने लगती है।
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धड़कन में वृद्धि दिल पर पड़ने वाले दबाव की सूचक है। इसे एक चेतावनी संकेत समझना चाहिए।
इसलिए तापमान और उमस की अधिकता इंसानी जीवन के लिए खतरनाक समझी गई है।
स्टडी मुताबिक, उमस बढ़ने से 34 डिग्री सेल्सियस में की गई हल्की-फुल्की एक्टिविटी भी बेचैनी ला सकती है।
नतीजों में, उमस से तेज हुई दिल की धड़कन को भांपते हुए फ़ौरन एहतियाती कदम उठाने की नसीहत दी गई है।
पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की यह स्टडी जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुई थी।
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