Gut bacteria: हमारी आंतों में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और हानिकारक, दोनों तरह के बैक्टीरिया रहते है।
उन्हीं बैक्टीरिया में से कुछ को इंसानों में हार्ट अटैक का ख़तरा विकसित करने का दोषी पाया गया है।
यह चिंताजनक ख़बर स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सर्कुलेशन पत्रिका में दी है।
उन्होंने आंत में रहने वाले कुछ बैक्टीरिया और कोरोनरी एथेरोस्क्लोरोटिक प्लाक (Coronary atherosclerotic plaques) के बीच एक संबंध खोजा है।
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एथेरोस्क्लोरोटिक प्लाक फैट और कोलेस्ट्रॉल जमा होने से बनते हैं जो हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण माने गए हैं।
ताज़ा जानकारी हृदय रोग रहित 50 से 65 वर्षीय 8,973 निवासियों के आंत बैक्टीरिया व कार्डियक इमेजिंग के विश्लेषण से मिली है।
विश्लेषण में मुँह के विशेष बैक्टीरिया की आंतों में उपस्थिति दिल की छोटी आर्टरीज़ में एथेरोस्क्लोरोटिक प्लाक का ख़तरा बताती है।
विशेष बैक्टीरिया में स्ट्रेप्टोकोकस जीनस प्रजातियां ख़ासी प्रभावी मिली है। ये निमोनिया सहित गले, त्वचा व हार्ट वाल्व में संक्रमण करती है।
विशेषज्ञों ने प्रभावितों के मल और दांतों की जांच से प्लाक बनाने वाली कुछ प्रजातियों को उनके मुंह में भी उपस्थित पाया है।
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ये हानिकारक बैक्टीरिया उनके आहार और दवा में अंतर होने के बावजूद खून में रोगजनक सूजन लाने में माहिर मिले है।
फिलहाल इन बैक्टीरिया प्रजातियों का दिल पर और असर जानने के लिए गहन रिसर्च की आवश्यकता मानी जा रही है।
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