दुनिया भर में आधे अरब से अधिक लोग डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित हैं और यह संख्या बढ़ने का अनुमान है।
एक नई स्टडी ने साल 2050 तक विश्व में डायबिटीज मरीज़ों की संख्या 1.3 अरब होने की आशंका जताई है।
यह ताज़ा जानकारी ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज 2021 के आँकड़ों की गहन छानबीन पर आधारित है।
टाइप 2 डायबिटीज से जुड़े लगभग सभी वैश्विक मामलों (96%) की जांच में हर देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल बताए गए है।
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विशेषज्ञों ने 1990-2021 के बीच 204 देशों और क्षेत्रों की डायबिटीज व्यापकता, प्रभाव और मृत्यु दर की जांच की थी।
सभी उम्र व लिंग के मरीज़ों के विश्लेषण से वर्ष 2050 तक डायबिटीज प्रसार का अनुमान लगाया गया है।
विशेषज्ञों की नवीनतम गणना में डायबिटीज की वर्तमान वैश्विक प्रसार दर 6.1% मिली है।
इस कारण यह रोग मृत्यु और विकलांगता के शीर्ष 10 प्रमुख कारणों में से एक माना गया है।
उन्होंने टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज का अनुमान लगाते हुए 16 जोखिम कारकों को टाइप 2 डायबिटीज का दोषी पाया है।
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इनमें हाई बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को प्रमुख व रोग संबंधी विकलांगता और मृत्यु दर का 52.2% कारक बताया है।
इसके बाद खान-पान, पर्यावरण, व्यावसायिक जोखिम, तंबाकू उपयोग, कम शारीरिक गतिविधि और शराब पीना शामिल है।
सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों उत्तरी अफ्रीका और मिडिल ईस्ट की उच्चतम दर 9.3% है, जो 2050 तक बढ़कर 16.8% होने का अनुमान है।
यह दर लैटिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्रों में बढ़कर 11.3% होने का अनुमान है।
हर देश में डायबिटीज से विशेषकर 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोग अधिक पीड़ित मिले है।
दुनिया भर में इस उम्र की जनसंख्या के रोगियों में 20% से अधिक की व्यापकता दर दर्ज की गई है।
75 से 79 वर्ष की आयु वालों के भी पीड़ित रहने का अनुमान है। उनकी उच्चतम दर 24.4% मिली है।
इस उम्र वालों की उत्तरी अफ्रीका व मिडिल ईस्ट में सबसे ऊँची 39.4%, जबकि मध्य यूरोप, पूर्वी यूरोप व मध्य एशिया में सबसे कम दर 19.8% है।
स्टडी के विशेषज्ञों ने तेजी से बढ़ती डायबिटीज पर चिंता जताते हुए इसे हेल्थकेयर सिस्टम के लिए चुनौतीपूर्ण कहा है।
लोगों में डायबिटीज के प्रसार से खासकर इस्केमिक हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि की भी आशंका है।
उनके अनुसार, डायबिटीज केवल मोटापे, एक्सरसाइज कमी और खराब आहार से ही नहीं, बल्कि आनुवंशिकी एवं देशों की हालत से भी जुड़ी हुई है।
इतने सारे कारणों पर मजबूत पकड़ न बन पाने के कारण ही डायबिटीज को रोकना और नियंत्रित करना काफी जटिल है।
अधिक जानकरी के लिए द लांसेट में छपी रिपोर्ट पढ़ी जा सकती है।
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