तनाव हार्मोन्स (Stress Hormones) असंतुलित होने से हमें कई बीमारियां लग सकती है।
इसलिए एंडोक्राइन वैज्ञानिकों ने ऐसा डिवाइस बनाया है जो 24 घंटे इंसानी तनाव हार्मोन्स पर नज़र रख सकता है।
नवीन वियरेबल डिवाइस हार्मोन्स में गड़बड़ी से होने वाली बीमारियों की शुरूआती चेतावनी आसानी से दे सकता है।
डिवाइस द्वारा पहली बार दिन-रात की गतिविधियों से प्रभावित तनाव हार्मोन्स परिवर्तनों को सफलतापूर्वक मापा जा सकता है।
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U-RHYTHM नामक यह डिवाइस ब्रिस्टल, बर्मिंघम और बर्गेन यूनिवर्सिटीज़ के नेतृत्व में निर्मित किया गया है।
वैज्ञानिकों को U-RHYTHM द्वारा तनाव हार्मोन्स से जुड़े रोगों की पहचान व इलाज में क्रांति की आशा है।
बता दें कि तनाव हार्मोन्स ख़ासकर कोर्टिसोल जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह बीमारी व लाइफस्टाइल से प्रभावित होता है।
हार्मोन के स्तर में गड़बड़ी से डिप्रेशन, हृदय रोग, मोटापा, डायबिटीज और कई गंभीर रोग होने की संभावना है।
हालाँकि, अभी तक वैज्ञानिक दैनिक जीवन में इनके स्वस्थ स्तरों को परिभाषित नहीं कर पाए है।
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इसके लिए अस्पताल या लैब में कई तरह के ब्लड टेस्ट करवाने पड़ते है, जो तनावपूर्ण व असुविधाजनक है।
U-RHYTHM बिना ब्लड टेस्ट के ही सेंसर की मदद से 72 घंटों तक तनाव हार्मोन्स पर नज़र रख सकता है।
U-RHYTHM को कमर पर बेल्ट की तरह बांधकर हर 20 मिनट में त्वचा के पीछे हार्मोन लेवल मापा जा सकता है।
यह नींद और दैनिक जीवन की अन्य गतिविधियों के दौरान 72 घंटे बिना रुके तनाव हार्मोन्स परिवर्तनों को बता सकता है।
वैज्ञानिकों ने 24 घंटों में 214 स्वस्थ इंसानों के हार्मोन्स नमूनों का विश्लेषण करके U-RHYTHM की क्षमता को जांचा है।
उस दौरान टीम ने वास्तविक जीवन के कई समय बिंदुओं पर स्वस्थ लोगों के एड्रेनल हार्मोन परिवर्तनों को दर्ज किया है।
उन नतीजों से जानी गई स्वस्थ हार्मोनल स्थिति के आधार पर एंडोक्राइन समस्याओं का जल्द पता लगाया जा सकता है।
इस बारे में और जानकारी साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट से मिल सकती है।
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