मोटापा (Obesity) किसी इंसान के कामकाजी जीवन के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है।
एक नई स्टडी ने सामान्य वजन वालों की तुलना में मोटापा पीड़ितों की कार्य उत्पादकता (Work productivity) कम बताई है।
ऐसा उनकी कई बीमारियों के बढ़ते जोखिम के कारण संभव है, जिससे एंप्लॉयर की लागत में वृद्धि होती है।
यह जानकारी यूएस की एक फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा प्रायोजित रिसर्च ने एंडोक्राइन सोसाइटी की वार्षिक बैठक में दी है।
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अधिक वजन या मोटापे से कर्मचारियों में डायबिटीज, हाई बीपी, हार्ट प्रॉब्लम्स और कैंसर विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
उपरोक्त समस्याओं से उत्पन्न उनकी अस्वस्थता, अनुपस्थिति व लाचारी कम कार्य उत्पादकता में योगदान देते हैं।
इस बारे में एक कर्मचारी हेल्थ डेटाबेस से प्राप्त 719,482 मोटापे और सामान्य वज़न के कर्मचारियों की जांच से ख़ुलासा हुआ था।
रिसर्च टीम ने अधिक वज़न/मोटापे वालों में कम काम, घंटों/दिनों की अनुपस्थिति, तथा प्रोडक्टिविटी नुकसान की लागत में वृद्धि पाई।
कर्मचारियों की बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में बढ़ोतरी से उनकी कार्य उत्पादकता को अधिक नुकसान जाना गया।
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पाया गया कि प्रति वर्ष सामान्य वजन वालों की तुलना में मोटापाग्रस्त लोगों की अनुपस्थिति, लाचारी और मुआवजा कई गुना अधिक थे।
कर्मचारी स्वास्थ्य व कार्य पर अधिक वजन/मोटापे की मार देखते हुए कंपनी मालिकों को बेहतर स्वास्थ्य नीतियां अपनाने की सलाह हैं।