अकेलेपन व सामाजिक अलगाव (Social islolation) से इंसानों को शारीरिक और मानसिक विकारों के अलावा जल्द मौत का भी ख़तरा है।
अब एक नए अध्ययन ने सामाजिक मेल-मिलाप में कमी से हड्डियों पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका जताई है।
चूहों पर हुए इस अध्ययन का संपूर्ण ब्यौरा शिकागो में हुई एंडोक्राइन सोसायटी की वार्षिक बैठक में पेश किया गया था।
अध्ययन से जुड़े यूएस रिसर्चर्स ने सोशल आइसोलेशन को ख़ासकर बुजुर्गों के लिए एक बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बताया।
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हालांकि, सोशल आइसोलेशन से मादा की अपेक्षा नर चूहों की हड्डियों के स्वास्थ्य को ज़्यादा नुकसान पाया गया।
रिसर्च टीम ने चार सप्ताह तक नर व मादा चूहों को झुंड की बजाए एक-दूसरे से अलग करके पिंजरों में रखा था।
सामाजिक रूप से अलग-थलग की ऐसी स्थिति से उनकी हड्डियों की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण कमी देखी गई।
अकेले या अलग रहने से मादा चूहों की तुलना में नरों की बोन मिनरल डेंसिटी में गिरावट दर्ज की गई।
बता दें कि बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट से ही हड्डियों की मजबूती का पता चलता है।
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लेकिन सोशल आइसोलेशन से केवल नर चूहों की हड्डियों पर ही नकारात्मक प्रभाव क्यों पड़ा, यह पता नहीं चल पाया।
इसके अलावा, सामाजिक दूरी से हड्डियों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के तंत्र को भी समझने की आवश्यकता कही गई।