Low-Flavanol Diet: इंसानों को वर्षो तक स्वस्थ रखने वाले उपायों की खोज में वैज्ञानिक दिन-रात लगे रहते है।
उनका मानना है कि आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर भोजन हमें निरोगी रखकर दीर्घायु देता है।
किसी इंसान की बढ़ती बीमारियों के पीछे उसके भोजन की प्रभावी भूमिका हो सकती है।
इससे जुड़े और साक्ष्य पेश किए है कोलंबिया यूनिवर्सिटी और ब्रिघम एंड वीमेन हॉस्पिटल/हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने।
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उन्होंने कम फ्लेवनॉल युक्त भोजन (Low-Flavanol diet) से उम्र संबंधित ‘भूलने की बीमारी’ (Memory loss) बताई है।
प्याज़, सेब, कोको, अंगूर, ग्रीन टी में पाए जाने वाले फ्लेवनॉल्स शरीर को सुरक्षा देने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स है।
इस बारे में वैज्ञानिकों को एक बड़े पैमाने पर हुए अध्ययन के रिजल्ट से पता चला है।
अध्ययन में कम फ्लेवनॉल वाले बुजुर्ग आयु वृद्धि के कारण हुई मेमोरी लॉस से ज़्यादा पीड़ित थे।
लेकिन अधिक फ्लेवनॉल्स सेवन के बाद उनकी याददाश्त में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया।
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अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि बढ़ती उम्र में मानसिक स्वास्थ्य हेतु विशिष्ट पोषक तत्व ज़रूरी है।
अध्ययन में 3,500 से अधिक स्वस्थ वृद्धों को तीन साल के लिए फ्लेवनॉल गोली या प्लेसीबो दिया गया था।
रोज़ाना लेने वाली गोली में 500mg फ्लेवनॉल्स शामिल थे, जिनमें 80mg एपिकैचिन प्रमुख था।
एपिकैचिन ग्रीन टी में मौजूद एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। यह रोगों से लड़ने में इम्यून सेल्स की मदद करता है।
फ्लेवनॉल्स हिप्पोकैम्पस में न्यूरॉन्स और रक्त वाहिकाओं के विकास को बढ़ाकर याददाश्त सुधार करते है।
एक साल के बाद रोज़ाना फ्लेवनॉल्स की गोली खाने वालों की याददाश्त में 16% की वृद्धि देखी गई।
हालांकि, यह लाभ केवल शरीर में कम फ्लेवनॉल्स के स्तर वाले बुजुर्गों में ही देखने को मिला।
फ्लेवनॉल्स के स्तर में वृद्धि से तेज हुई याददाश्त बुजुर्गों में कम से कम दो और वर्षों तक बनी रही।
नतीजों की मानें तो फ्लेवनॉल्स की कमी उम्र से संबंधित याददाश्त में गिरावट लाती है।
लेकिन फ्लेवनॉल्स सप्लीमेंट लेने से केवल कमी वाले लोगों को ही फ़ायदा मिल सकता है।
फ़िलहाल मस्तिष्क पर फ्लेवनॉल्स के प्रभावों की ठोस पुष्टि के लिए अभी और खोजबीन होगी।
इस बारे में अधिक जानकारी PNAS जर्नल में छपी रिपोर्ट से मिल सकती है।