Air pollution: एक हालिया स्टडी ने वायु प्रदूषण और हृदय रोग से होने वाली मौतों के बीच चिंताजनक संबंधों को दर्शाया है।
यह स्टडी पूर्वी पोलैंड की बताई गई है। नतीजों में दूषित हवा की अधिकता से हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) पड़ने का ख़तरा मिला है।
स्टडी विशेषज्ञों ने तीव्र प्रदूषण वाले दिनों और उसके दो दिनों बाद तक हृदय रोग से होने वाली मौतें में वृद्धि भी पाई है।
उन्होंने हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए स्वच्छ हवा को अत्यंत ज़रूरी बताया है।
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साथ ही, अत्यधिक प्रदूषण वाले दिनों में मास्क पहनने और भारी ट्रैफिक से बचने की सलाह भी दी है।
ईएससी प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी23 में प्रस्तुत यह स्टडी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ एनवायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुई थी।
स्टडी को पूर्वी पोलैंड के पांच शहरों में आयोजित किया गया था। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय से 2016 से 2020 तक की मौतों के आंकड़े प्राप्त किए गए।
पार्टिकुलेट मैटर (PM)2.5, PM10, और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) की जानकारी सरकारी पर्यावरण संरक्षण कार्यालय से एकत्र की गई थी।
इन प्रदूषकों के मुख्य स्रोत भारी ट्रैफ़िक और कोयले या लकड़ी का उपयोग करने वाले घरेलू हीटर बताए गए।
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पांच साल की स्टडी के दौरान, विशेषज्ञों को कुल 87,990 इंसानों की मौतों का पता चला।
उनमें से 34,907, 9,688 और 3,776 मौतें क्रमशः कार्डियोवैस्कुलर रोग, एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम और इस्केमिक स्ट्रोक के कारण हुई थी।
अधिकतर मौतों का कारण PM2.5, PM10 और NO2 प्रदूषकों का स्तर 10 μg/m3 तक रहना पाया गया।
इतना वायु प्रदुषण होने से उसी दिन मौत होने में 3 से 8% की वृद्धि जानी गई।
कार्डियोवैस्कुलर रोग से मरने का ख़तरा गंभीर प्रदूषित दिन के एक और दो दिन बाद तक एक समान बना रहा।
चिंताजनक परिणामों को देखते हुए सड़क यातायात में कमी और स्वच्छ हवा को बढ़ावा देने की सिफ़ारिश की गई।
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