Exercise therapy for heart failure: दिल की समस्याओं से जूझते रोगियों को डॉक्टर अक्सर हल्की एक्सरसाइज करने की सलाह ज़रूर देते है।
अब एक नई स्टडी ने हार्ट फेलियर के मरीज़ों के लिए एक्सरसाइज थेरेपी को न केवल सुरक्षित, बल्कि जीवन की गुणवत्ता सुधारने में दवा से भी अधिक प्रभावी पाया है।
इस बारे में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा एक संयुक्त बयान भी दिया गया है।
बयान में कहा गया है कि एक्सपर्ट देखरेख में की गई एक्सरसाइज हार्ट फेलियर के साथ इजेक्शन फ्रैक्शन (Preserved ejection fraction) के लक्षण वालों को राहत दे सकती है।
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बता दें कि इजेक्शन फ्रैक्शन या HFpEF रोगियों का दिल धड़कनों के बीच खून को ठीक से भर नहीं पाता, लेकिन पंप करने में सक्षम रहता है।
HFpEF पीड़ितों में स्वस्थ इंसानों की अपेक्षा अधिक ऑक्सीजन ग्रहण करने (Peak oxygen uptake) की क्षमता लगभग 30% कम होती है।
कम ऑक्सीजन के चलते उन्हें दैनिक जीवन कार्यों में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, एक्सरसाइज करने से दिल की पंपिंग क्षमता सुधारती है। इससे नसों की कठोरता कम होती है।
नतीजन, शरीर की मांसपेशियों के कार्य और ऊर्जा क्षमता में सुधार होता है।
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सबूतों के लिए उन्होंने साल 2010 से HFpEF पीड़ितों पर विभिन्न एक्सरसाइज थेरेपी के प्रभाव बताने वाली स्टडीज़ की समीक्षा की।
उन एक्सरसाइज थेरेपी में वॉकिंग, स्टेशनरी सायक्लिंग, हाई इंटेंसिटी ट्रेनिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और डांस आदि शामिल थे।
पाया गया कि सभी तरह की एक्सरसाइज से मरीज़ों की अधिकतम ऑक्सीजन ग्रहण क्षमता लगभग 12% से 14% तक बढ़ सकती है।
उपरोक्त थेरेपी से मरीज़ की थकावट में कमी और एक्सरसाइज करने की क्षमता में लगभग 21% तक वृद्धि हो सकती है।
HFpEF मरीज़ में हुए ऐसे सकारात्मक बदलावों को चिकित्सकीय रूप से सार्थक माना गया है।
इनसे हार्ट फेलियर वालों के जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार भी देखा गया है।
उपरोक्त जानकारी देने वाली स्टडी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित हुई थी।