Obesity risk from mothers to daughters: मोटापा ग्रस्त महिलाओं से उनकी बेटियों को इस बीमारी का ख़तरा हो सकता हैं।
ये चौंकाने वाला ख़ुलासा एंडोक्राइन सोसाइटी के जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में हुआ है।
उसमें छपी एक स्टडी ने अधिक वज़न या मोटापे वाली माताओं से जन्मीं लड़कियों को भी मोटा होने का ख़तरा पाया है।
अजीब बात यह रही कि मोटापा ग्रस्त माताओं के बेटों को इस समस्या का जोख़िम नहीं देखा गया।
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स्टडी से जुड़े साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के लिए ये नतीजे अभी भी पहेली बने हुए है।
इससे पर्दा उठाने के लिए उन्होंने भविष्य में और अध्ययनों की आवश्यकता कही है।
बचाव के लिए मोटापे वाली माताओं की लड़कियों को जवानी से ही वज़न के प्रति सजग रहने को कहा गया है।
वर्तमान जानकारी के लिए 240 बच्चों (9 वर्ष या उससे कम उम्र) और उनके माता-पिता के बचपने में बॉडी फैट और मांसपेशियों को जाना गया था।
विशेषज्ञों ने उस डेटा के आधार पर बच्चों के बॉडी फैट और मांसपेशियों की मात्रा का मिलान उनके माता-पिता से किया।
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पाया गया कि लड़कियों का बीएमआई और बॉडी फैट उनकी माताओं के समान ही था।
नतीजे को देखते हुए मोटापे या अधिक बॉडी फैट वाली माताओं की बेटियों में भी वज़न बढ़ने की आशंका थी।
हालांकि, विशेषज्ञों ने लड़कों को उनकी माताओं या लड़कियों एवं लड़कों को उनके पिता से समान जोख़िम नहीं पाया।
वैश्विक अनुमान बताते हैं कि लगभग दो अरब से अधिक बच्चे और वयस्क अधिक वजन और मोटापे वाले हैं।
यदि मौजूदा रुझान जारी रहता है तो साल 2025 तक 2.7 अरब वयस्क अधिक वजन या मोटापे से पीड़ित होंगे।
मोटापे वालों को डायबिटीज, हाई बीपी, हृदय संबंधी समस्याएं और कई अन्य स्थितियों का भी अधिक खतरा होता है।
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