Screen time in kids: आजकल के छोटे बच्चे भी बड़ों की तरह स्मार्टफ़ोन, लैपटॉप और टीवी के ज़्यादा शौक़ीन बनते जा रहे है।
लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो इनका अधिक स्क्रीन टाइम बच्चे (Excess screen time in children) के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
जापान के नए शोध में दो साल के बच्चों का अधिक स्क्रीन टाइम उनका चार साल की उम्र में बौद्धिक विकास ख़राब करते पाया गया है।
लेकिन उन बच्चों द्वारा बाहर जाकर खेलने (Outdoor play) से स्क्रीन टाइम के कुछ नकारात्मक प्रभाव कम होते भी मिले है।
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जामा पीडियाट्रिक्स जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में डेढ़ साल से लेकर 4 साल तक की उम्र के 885 बच्चे शामिल थे।
स्टडी से जुड़े जापान के स्वास्थ्य विशषज्ञों ने बच्चों के रोज़ाना स्क्रीन टाइम, बाहरी खेलकूद, बौद्धिक कौशल और समाजीकरण जैसे न्यूरोडेवलपमेंटल परिणामों का विश्लेषण किया।
जिन बच्चों ने दो साल की उम्र में अधिक स्क्रीन देखा था, चार साल में उनके व्यवहारिक और बौद्धिक कौशल ख़राब थे।
आउटडोर प्ले से उनकी बोलचाल पर पड़े स्क्रीन टाइम के नकारात्मक प्रभाव तो नहीं बदले, लेकिन बौद्धिक कौशल बेहतर पाया गया।
देर तक बाहर खेलने से उनके बौद्धिक विकास पर स्क्रीन टाइम के नकारात्मक प्रभाव लगभग 20% तक कम होने का अंदेशा था।
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शोधकर्ताओं ने दो साल से ही बाहर खेलने में अधिक समय बिताने वाले बच्चों में चार साल की उम्र तक बेहतर समाजीकरण भी पाया।
कुल मिलाकर, निष्कर्ष बताते हैं कि छोटे बच्चों में स्मार्टफ़ोन और अन्य तकनीकों से जुड़ा स्क्रीन टाइम निश्चित करना मानसिक विकास के लिए अहम है।
स्क्रीन टाइम अपेक्षाकृत अधिक होने पर भी ज़्यादा देर बाहर खेलने से बच्चों का स्वस्थ संपूर्ण विकास संभव है।
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