Sleep for brain health: बढ़ती उम्र में मस्तिष्क स्वास्थ्य ठीक रखने और मानसिक रोगों से बचाव के लिए नींद पर ध्यान देना ज़रूरी है।
ये बताया है ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने।
उनकी नई स्टडी में 37 वर्ष के बाद की खराब नींद (Poor sleep) मस्तिष्क स्वास्थ्य बिगाड़ती मिली है।
6 घंटे से कम और 9 घंटे से अधिक सोने को सोच-समझ, याददाश्त और निर्णय क्षमता के लिए हानिकारक जाना गया है।
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इसके अतिरिक्त, दिन के समय सोना (Daytime dozing) भी मस्तिष्क आकार और कार्य क्षमता घटाते मिला है।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपे निष्कर्ष, 37 से 73 वर्षीय 29,000 से अधिक लोगों की नींद की आदतों पर आधारित थे।
नौ घंटे से अधिक या छह घंटे से कम नींद लेने वालो को डिमेंशिया (Dementia) जैसी बड़ी बीमारियों का ख़तरा भी पाया गया।
यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नींद और मस्तिष्क स्वास्थ्य संबंधों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत कही है।
साथ ही नींद में सुधार के तरीकों पर और अधिक शोध करने की जरूरत भी मानी है।
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बता दें कि डिमेंशिया दुनिया भर में होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है।
इस समस्या से वर्ष 2050 तक 15 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की उम्मीद है।
वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है। इसलिए, खराब नींद जैसे अन्य जोखिमों की पहचान करना और भी महत्वपूर्ण है।
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