Exercise for mental health: मानसिक स्वास्थ्य सुधारनें में एक्सरसाइज का कोई सानी नहीं, ये मानना है ऑस्ट्रेलियाई रिसर्चर्स का।
उनकी खोज में तनाव, चिंता, डिप्रेशन नियंत्रण में एक्सरसाइज परामर्श या प्रमुख दवाओं के मुक़ाबले डेढ़ गुना अधिक प्रभावी मिली है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट्स मेडिसिन में छपी साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी की समीक्षा अब तक की सबसे विस्तृत छानबीन मानी गई है।
इस छानबीन में विश्व की 97 समीक्षाएं, 1039 परीक्षण और 128,119 इंसानों की सेहत के आंकड़े शामिल बताए गए है।
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गहन विश्लेषण से मिले निष्कर्षों ने डिप्रेशन, चिंता और मानसिक संकट के लक्षणों में सुधार हेतु एक्सरसाइज को बेहद असरदार पाया है।
विशेष रूप से 12 सप्ताह या उससे कम समय की एक्सरसाइज थेरेपी मानसिक स्वास्थ्य को आराम पहुंचाने में अत्यंत प्रभावी मिली है।
एक्सरसाइज से डिप्रेशन, गर्भवती और प्रसवोत्तर महिलाओं, स्वस्थ व्यक्तियों और एचआईवी या गुर्दे की बीमारी पीड़ितों को सर्वाधिक लाभ देखा गया है।
तेजी से की गई एक्सरसाइज ने डिप्रेशन और चिंता में अधिक सुधार किया, जबकि देर तक की गई एक्सरसाइज के प्रभाव कम मिले है।
वाकिंग, रनिंग, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग, पिलेट्स और योग सहित सभी प्रकार की एक्सरसाइज मानसिक स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद जानी गई है।
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उत्साहित रिसर्चर्स ने मानसिक समस्याओं के बढ़ते मामलों को बेहतर ढंग से निपटाने के लिए एक्सरसाइज को प्राथमिकता देने की सलाह दी है।
ग़ौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में हर आठ में से एक व्यक्ति (97 करोड़ इंसानों) को मानसिक विकार पीड़ित पाया हैं।
खराब मानसिक स्वास्थ्य से विश्व अर्थव्यवस्था को हर साल लगभग $2.5 ट्रिलियन का नुकसान होता है।
यह लागत साल 2030 तक $6 ट्रिलियन होने का अनुमान है।
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