बच्चों से लेकर बड़े तक अक्सर ब्रेकफ़ास्ट (Breakfast) करने से टलते है लेकिन यह आदत सेहत के लिए हानिकारक है।
हाल ही में हुई एक स्टडी ने ऐसा करने से शरीर के इम्यून सिस्टम (Immune system) को नुकसान बताया है।
नतीजों से ब्रेकफ़ास्ट न करने वालों को दिल के रोग का ख़तरा भी बढ़ने की संभावना मिली है।
यूएस के माउंट सिनाई हॉस्पिटल की चूहों पर हुई यह स्टडी इम्यूनिटी जर्नल में प्रकाशित हुई है।
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स्टडी में उपवास (Fasting) से मस्तिष्क में हुई प्रतिक्रिया इम्यून कोशिकाओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती मिली है।
निष्कर्षों को जानने के बाद विशेषज्ञों ने लंबे उपवास को स्वास्थ्य के लिए घातक भी बताया है।
उन्होंने ब्रेकफ़ास्ट न दिए गए चूहों के खून में, ब्रेकफ़ास्ट खाने वाले चूहों की अपेक्षा सफेद रक्त कोशिकाओं (White blood cells) की गहन कमी जानी।
शरीर के लिए सफेद रक्त कोशिकाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये संक्रमण से लेकर हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों से रक्षा भी करती है।
स्टडी में विशेषज्ञों ने पाया कि ब्रेकफ़ास्ट न दिए गए चूहों की 90% कोशिकाएं खून से गायब हो गईं थी।
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ऐसे चूहों को आठ घंटे तक फास्टिंग करवाने के बाद यह संख्या और कम हो गई।
लेकिन ब्रेकफ़ास्ट करने वाले चूहों में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या अप्रभावित थी।
24 घंटे की फास्टिंग के बाद चूहों द्वारा भोजन खाने पर सफेद कोशिकाएं कुछ ही घंटों में खून में वापस आ गईं।
हालांकि, इस बार उनकी संख्या में उछाल आने के कारण फास्टिंग वाले चूहों में हानिकारक सूजन का स्तर बढ़ गया।
संक्रमण से बचाने के बजाय इन सफेद कोशिकाओं ने शरीर को संक्रमण के प्रति कमज़ोर कर दिया।
स्टडी से पता चला कि उपवास मस्तिष्क में तनाव बढ़ाता है, जिससे उपवास रखने वाला अक्सर भूख और गुस्सा ज़्यादा महसूस करता है।
विशेषज्ञों की राय में उपवास दोधारी तलवार की तरह है।
इससे लाभ हो सकते है लेकिन अति करने से शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता घटती है।
नतीजन, संक्रमण, हृदय रोग या कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव में सहायक शरीर की प्रहरी सफेद कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ता है।
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