Nature therapy for brain: एक नई स्टडी ने हरियाली और पानी के पास रहना मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक पाया है।
यूएस की स्टडी में पार्कों, नदियों, समुद्र तटों आदि के नज़दीक रहने वाले बुजुर्गों को कम मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का ख़तरा था।
वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की यह स्टडी जल्द ही अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की 75वीं वार्षिक बैठक में प्रस्तुत की जाएगी।
स्टडी में वाशिंगटन के शहरी इलाकों में रहने वाले 65 या उससे अधिक उम्र के 42,980 लोगों को शामिल किया गया था।
- Advertisement -
रिसर्चर्स ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण एवं रोकथाम आंकड़ों से हरियाली या पानी के पास स्थित उनके रिहायशी इलाक़ों को जाना।
इसके अतिरिक्त, एक प्रश्नावली द्वारा स्टडी में भाग लेने वालों के मानसिक स्वास्थ्य को भी परखा गया।
आकलन में लगभग 2% बुजुर्गों को गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पाई गई।
हालांकि, हरियाली या पानी वाली जगहों से आधे मील की अधिक दूरी पर रहने वालों के मुक़ाबले प्राकृतिक जगहों के आधे मील के भीतर रहने वालों में गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होने का ख़तरा 17% कम था।
बात दें कि सोचने और याददाश्त में कमी लाने वाली मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से हमारे रोज़मर्रा के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
- Advertisement -
तनाव, चिंता, डिप्रेशन, अल्जाइमर रोग या डिमेंशिया जैसी दिमागी समस्याओं के प्रभावी रोकथाम या उपचार की कमी है।
ऐसे में रिसर्चर्स को आशा है कि प्राकृतिक जगहों के करीब रहने वालों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर दिखाने वाला यह अध्ययन उपचार सहायक होगा।
क्या यह निकटता मानसिक कार्यों में हल्की गिरावट और डिमेंशिया रोकने या देरी लाने में मददगार है, यह आगे गहन ख़ोज का विषय है।
Also Read: खराब मूड, चिंता दूर करनी हो तो प्रकृति के बीच समय बिताएं