Healthy lifestyle for good memory: एक हेल्दी लाइफस्टाइल, विशेष रूप से स्वस्थ खान-पान की आदत, याददाश्त में कमी को धीमा कर सकती है।
ये जानकरी चीन में वृद्धों पर हुए एक दशक लंबे अध्ययन के निष्कषों से प्राप्त हुई है।
बीएमजे में प्रकाशित इस अध्ययन में अल्जाइमर रोग से जुड़े जीन वालों को भी लाभ मिलते देखा गया है।
‘भूलने की बीमारी’ अल्जाइमर रोग और संबंधित डिमेंशिया में APOE जीन सबसे मजबूत ज्ञात जोखिम पाया गया है।
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लेकिन एक हेल्दी लाइफस्टाइल इस जीन वालों की याददाश्त में गिरावट को भी धीमा कर सकती है।
ग़ौरतलब है कि उम्र बढ़ने पर हमारी याददाश्त कमज़ोर होने लगती है।
लेकिन अध्ययन में स्वस्थ आदतों वालों को वृद्धावस्था में याददाश्त कमज़ोर होने की समस्या का कम ख़तरा जाना गया है।
चीन की कई मेडिकल यूनिवर्सिटीज के एक्सपर्ट्स को ज़्यादा जानकारी 60 वर्ष वाले 29,000 पुरुषों और महिलाओं के हेल्थ डेटा विश्लेषण से मिली थी।
2009 में अध्ययन की शुरुआत के दौरान एक लर्निंग टेस्ट से उनके मेमोरी फ़ंक्शन और APOE जीन का टेस्ट किया गया था।
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इसके बाद साल 2012, 2014, 2016 और 2019 में 10 वर्षों तक बार-बार उनके स्वास्थ्य और याददाश्त का मूल्यांकन किया गया।
पता चला कि 10 वर्षों के दौरान हेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़ी छ: आदतों वालों की याददाश्त में औसत गिरावट की अपेक्षा धीमी गति थी।
इन आदतों में स्वस्थ भोजन, नियमित एक्सरसाइज, सक्रिय सामाजिक संपर्क, सक्रिय मानसिक गतिविधि तथा शराब और सिगरेट से दूरी प्रमुख थी।
एक या कोई स्वस्थ आदत न होने वालों की अपेक्षा चार से छह स्वस्थ आदतों वालों की याददाश्त में गिरावट धीमी थी।
विशेषकर स्वस्थ खान-पान याददाश्त की गिरावट को धीमा करने में प्रमुख था। उसके बाद मानसिक गतिविधि और फिर एक्सरसाइज थी।
यहां तक की हेल्दी या सामान्य लाइफस्टाइल के APOE जीन वाले बुजुर्गों ने भी ख़राब लाइफस्टाइल वालों की तुलना में स्मृति गिरावट की धीमी दर का अनुभव किया।
और तो और, ख़राब लाइफस्टाइल वालों की तुलना में हेल्दी या सामान्य लाइफस्टाइल वालों में डिमेंशिया या हल्की मानसिक गिरावट आने की संभावना लगभग 90% और 30% कम थी।
ऐसा सकारात्मक असर स्वस्थ जीवन जी रहे APOE जीन वालों में भी जाना गया।
परिणाम स्वस्थ लाइफस्टाइल आदतों से याददाश्त की दर में गिरावट धीमी होने के मजबूत सबूत प्रदान करते है।
यह असर आनुवंशिक रूप से याददाश्त गिरावट के प्रति अतिसंवेदनशील लोगों में भी संभव था।
नतीजे बुजुर्गों को याददाश्त और मानसिक विकार संबंधी समस्याओं से बचाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
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