Covid-19 deaths: एक नई स्टडी ने COVID-19 रोगियों में संक्रमण के बाद हृदय रोग और मृत्यु का अधिक ख़तरा बताया है।
यह जानकारी यूके बायोबैंक में दर्ज लगभग 160,000 इंसानों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की छानबीन से मिली है।
स्टडी के नतीजे, यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका कार्डियोवास्कुलर रिसर्च में प्रकाशित हुए है।
बताया गया है कि असंक्रमित व्यक्तियों के मुक़ाबले संक्रमण के पहले तीन हफ्तों में COVID-19 रोगियों के मरने की संभावना 81 गुना अधिक थी।
- Advertisement -
ताज्जुब की बात थी कि यह घातक स्थिति 18 महीने बाद तक पांच गुना अधिक बनी रही।
निष्कर्ष ने बीमारी से ठीक होने के बाद भी कोरोना संक्रमितों की कम से कम एक साल तक हृदय संबंधी जटिलताओं की निगरानी ज़रूरी बताया है।
यही जटिलताएं आगे चलकर लांग कोविड का हिस्सा बन सकती है।
स्टडी में दिसंबर 2020 से पहले भर्ती किए गए संक्रमित बनाम असंक्रमित इंसानों में हृदय संबंधी समस्याओं और मौत के मामलों की तुलना की गई थी।
गौरतलब है कि उस दौरान ब्रिटेन में कोई कोरोना वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी।
- Advertisement -
स्टडी में देखे गए महिलाओं और पुरुषों की औसत आयु 66 वर्ष थी और दोनों की संख्या लगभग बराबर थी।
प्रमुख हृदय रोगों और मौतों की जानकारी चिकित्सा और मृत्यु रिकॉर्ड से प्राप्त की गई थी। स्टडी में पहले से ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित इंसानों को बाहर रखा गया था।
पता चला कि तीव्र लहर के दौरान दो असंक्रमित समूहों की तुलना में COVID-19 रोगियों में प्रमुख हृदय रोगों के विकसित होने की संभावना लगभग चार गुना अधिक थी।
कोरोना की तीव्र लहर गुज़रने के बाद COVID-19 रोगियों में दिल की समस्याएं होने की संभावना 40% अधिक थी।
असंक्रमित व्यक्तियों के मुक़ाबले COVID-19 रोगियों को तीव्र लहर में मृत्यु का जोखिम 81 गुना और बाद में पांच गुना अधिक था।
यही नहीं, गंभीर COVID-19 मरीजों में प्रमुख हृदय रोग विकसित होने या मरने की संभावना और भी अधिक थी।
असंक्रमित इंसानों की अपेक्षा COVID-19 रोगियों में छोटी और लंबी अवधि के मायोकार्डियल इंफ्रक्शन, कोरोनरी हार्ट डिजीज, हार्ट फेलियर और खून के थक्के जमने सहित कई अन्य हृदय समस्याओं की अधिक संभावना थी।
COVID-19 रोगियों में अल्पावधि के लिए स्ट्रोक और एट्रियल फाइब्रिलेशन जैसी कुछ हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ी हुई मिली। लेकिन ये समस्याएं कुछ समय बाद सामान्य स्तर पर लौटते देखी गई।
हालांकि, स्टडी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पिछले शोध का हवाला देते हुए COVID-19 वैक्सीन से इन जटिलताओं के रुकने की बात भी कही।
अब बिना COVID-19 वैक्सीन वालों की तुलना में वैक्सीनेटिड रोगियों में संक्रमण के बाद हृदय रोग और मृत्यु जोखिम में कमी देखने के लिए आगे जांच की आवश्यकता कही गई है।
Also Read: COVID-19 गंभीरता कम करने में सहायक है अधिक एक्सरसाइज