Exercise for sitting job: आए दिन कई हेल्थ रिसर्च देर तक बैठने को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताती है, भले ही आप रोज़ाना एक्सरसाइज क्यों न करते हो।
अब तो डॉक्टर भी स्वास्थ्य लाभ के लिए सभी मरीज़ों को कम बैठने और अधिक चलने-फिरने (Sit less, move more) की सलाह देते है।
लेकिन एक सवाल जो अक्सर ज़हन में कौंधता है कि आखिर हमें कब उठना है और कितनी देर चलना है?
विशेषकर ऑफिस जाने वालों का तो सारा दिन ही लगभग बैठे हुए काम (Sitting job) करते निकलता है।
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इस शंका को दूर किया है कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर के एक्सरसाइज फिजियोलॉजिस्टों ने।
उनकी खोज में, लंबे समय तक बैठे रहने के दौरान हर आधे घंटे में सिर्फ पांच मिनट चलने (Walking) से कुछ सबसे हानिकारक प्रभाव दूर हो सकते है।
यह खोज अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के जर्नल मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज में प्रकाशित हुई है।
ताज़ा जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने पांच अलग-अलग फिजिकल एक्टिविटी का परीक्षण किया था।
इनमें बैठने के प्रत्येक आधे और एक घंटे बाद एक मिनट, आधे घंटे और एक घंटे बाद पांच मिनट चलना तथा नहीं चलने की एक्टिविटी शामिल थी।
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स्टडी में शामिल 11 वयस्कों को लैब की एर्गोनोमिक कुर्सी पर आठ घंटे तक बैठाया गया।
उन्हें केवल ट्रेडमिल पर चलने या बाथरूम ब्रेक की ही इजाज़त थी।
एक्सपर्ट्स ने उनके दिल की स्थिति जानने के लिए समय-समय पर उनके ब्लड प्रेशर और ग्लूकोज की भी जांच की।
पाया गया की पूरे दिन हर 30 मिनट में पांच मिनट चलने से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों ही काफी कम हुए।
इसके अलावा, ऐसी एक्टिविटी से सारा दिन बैठने की अपेक्षा खाने के बाद हुए ब्लड शुगर उछाल में 58% तक कमी दर्ज की गई।
पूरे दिन हर 30 मिनट में एक मिनट के लिए टहलने से भी ब्लड शुगर स्तर में मामूली कमी देखने को मिली।
लेकिन सारे दिन में एक घंटे बाद एक या पांच मिनट के लिए चलने से कोई स्वास्थ्य लाभ मिलता नहीं दिखा।
पूरे दिन बैठने की तुलना में चलने की थोड़ी-थोड़ी मात्रा से ब्लड प्रेशर 4 से 5 mmHg तक कम होता मिला।
इसके अतिरिक्त, हर एक घंटे में एक मिनट चलने को छोड़कर बाकी सभी एक्टिविटी से थकान और मूड में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ।
नतीजों को देखते हुए उत्तम स्वास्थ्य के लिए दैनिक एक्सरसाइज के अलावा काम पर भी नियमित रूप से चलने की आवश्यकता बताई गई है।
ऐसा करने से हृदय रोग और अन्य पुरानी बीमारियों का जोखिम काफी हद तक कम होने का अनुमान है।
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