प्राकृतिक पर्यावरण (Natural environment) में एक ऐसी अनोखी शक्ति है जो इंसानों के संपूर्ण स्वास्थ्य (Health) को सुधार सकती है
ये कहना है यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की नई स्टडी का। इसमें शोधकर्ताओं ने प्रकृति (Nature) के सकारात्मक प्रभावों का अनुभव करने वाले हजारों लोगों से जुड़े अध्ययनों की समीक्षा की है।
नतीजे बताते है कि प्रतिदिन प्रकृति में कुछ समय व्यतीत करना मानव स्वास्थ्य और भलाई के लिए फायदेमंद है।
समीक्षाओं से पता चलता है कि पेड़-पौधों के बीच रहना हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए औषधि समान है।
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इसके अतिरिक्त, हरियाली में टहलने से सामाजिक संबंध मजबूत होते है और अकेलेपन में कमी आती है।
एक हालिया स्टडी का कहना है कि प्राकृतिक वातावरण में प्रति सप्ताह 120 मिनट खर्च करने से हमारा स्वास्थ्य बेहतर होता है।
एक अन्य अध्ययन की मानें तो हरे-भरे स्थानों में रहने से शारीरिक गतिविधि बढ़ती है तथा टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे का जोखिम कम होता है।
बागवानी को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद बताया गया है।
यही नहीं, प्रकृति के संपर्क में आने से PTSD और ADHD से जुड़े लक्षणों में भी कमी आ सकती है। इसे चिकित्सीय और माइंडफुलनेस गतिविधियों के साथ जोड़ा जा सकता है।
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प्रकृति के करीब रहने या काम करने से दिल या सांस संबंधी समस्याओं का स्तर भी कम हो सकता है।
हरियाली में घूमने से हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, चिंता और तनाव में कमी सहित दिमाग़ी कार्यकुशलता में गिरावट धीमी हो सकती है।
समीक्षा में मिले मजबूत और सुसंगत सबूत बताते है कि घर के चारों ओर हरियाली किसी भी कारण से होने वाली मौत में भी कमी ला सकती है।
शोधकर्ताओं को विशेष रूप से बच्चों के लिए प्रकृति से जुड़े लाभों के पुख्ता सबूत मिले है।
प्रकृति में समय व्यतीत करना बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, भलाई, शारीरिक गतिविधि में वृद्धि और कुशल मानसिक प्रदर्शन से जुड़ा मिला है।
हरे-भरे और साफ़ वातावरण के संपूर्ण स्वास्थ्य पर इतने लाभ देखते हुए हर उम्र वालों को प्रकृति-आधारित गतिविधियां करने की सलाह दी गई है।
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