कल तक सेहत के लिए हानिकारक माने जा रहे आर्टिफिशियल स्वीटनर्स (Artificial sweeteners) अब घातक रोगजनकों (Pathogens) को मारने में सहायक पाए गए है।
लंदन की एक यूनिवर्सिटी की रिसर्च ने कई पैकेटबंद फ़ूड प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले स्वीटनर्स को एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी रोगाणुओं के ख़ात्मे में सक्षम बताया है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि ये आर्टिफिशियल स्वीटनर्स निमोनिया और सेप्सिस जैसी घातक रोगों के विषाणु कमज़ोर कर सकते है!
डाइट ड्रिंक्स, मीठी दही और कई मिठास भरे फ़ूड प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले तीन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स कई एंटीबायोटिक दवाओं को बेअसर करने वाले रोगजनकों पर अंकुश लगाते मिले है।
- Advertisement -
यूरोपियन मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ऑर्गनाइजेशन के मॉलिक्यूलर मेडिसिन जर्नल द्वारा प्रकाशित यह खोज, ताकतवर विषाणुओं के विरुद्ध ज़बरदस्त हथियार मानी जा रही है।
रिसर्च से जुड़े ब्रुनेल यूनिवर्सिटी लंदन के वैज्ञानिक भी आर्टिफिशियल स्वीटनर्स द्वारा खतरनाक रोगजनकों को मारने और उनका इलाज आसान बनाने की जानकारी से रोमांचित है।
उनके अनुसार, आमतौर पर संक्रामक रोगजनकों के लिए एक नई एंटीबायोटिक दवा विकसित करने में अरबों डॉलर और दशकों का समय लगता है।
लेकिन स्वीटनर्स में मिला यौगिक न केवल रोगजनकों से लड़ सकता है बल्कि उनकी एंटीबायोटिक दवाओं को बेअसर करने की क्षमता को भी उलट सकता है।
दरअसल विषाणु हर नए एंटीबायोटिक के विरुद्ध अपनी संक्रमण क्षमता बदल लेते है। ऐसे में उन्हें असरदार ढ़ंग से ख़त्म करना कठिन हो जाता है।
- Advertisement -
हर परिस्थिति में जीवित रहने की परिवर्तनशीलता के चलते रोगाणु न केवल एंटीबायोटिक दवाओं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी खतरा है।
स्वीटनर सैकरिन, साइक्लामेट और एसेसल्फेम-के (ऐस-के) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्राथमिकता पाए दो रोगजनकों को पूर्णतया रोकने में सफल हो सकते है।
दोनों रोगजनक – स्यूडोमोनास एरुगिनोसा (Pseudomonas aeruginosa) और एसिनेटोबैक्टर बॉमनी (Acinetobacter baumannii) – दुनिया भर में प्रमुख संक्रमणकारी हैं।
इन पर कई दवाओं को बेअसर जाना गया है और दोनों ही किसी भी रोगाणुरोधी एजेंट (antimicrobial agent) को अप्रभावी बनने में सक्षम है।
दोनों रोगाणु गंभीर रूप से बीमार या कमज़ोर इम्यून सिस्टम वालों के लिए बेहद खतरनाक जाने गए है।
रिसर्च में चीनी से 200 गुना अधिक मीठे ऐस-के स्वीटनर को सुरक्षात्मक बायोफिल्म बनाने वाले रोगजनकों को रोकते पाया गया है।
एंटीबायोटिक दवाओं के साथ प्रयोग किए जाने पर यह स्वीटनर उनकी मारक शक्ति को बढ़ा देगा। इसका मतलब है कि रोगी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की कम खुराक ही काफ़ी हो सकती है।
हालांकि, रोगाणु संक्रमण रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की जगह नए उपचार के रूप में तीनों स्वीटनर्स के उपयोग को अभी गहन रिसर्च की ज़रूरत है।
Also Read: दिल की सेहत के लिए ठीक नहीं आर्टिफिशियल स्वीटनर्स