Mindfulness meditation benefits: दिमाग में मची उथल-पुथल को दवाओं की अपेक्षा माइंडफुल आधारित मेडिटेशन से शांत करना संभव है, ऐसा एक क्लिनिकल ट्रायल में देखा गया है।
नतीजों में माइंडफुलनेस से कम हुआ तनाव एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (Anxiety disorders) के इलाज में एंटीडिप्रेसेंट दवा एसिलाटोप्रैम (Antidepressant drug escitalopram) जितना ही प्रभावी पाया गया है।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन एक मानसिक ट्रेनिंग अभ्यास है जो दिमाग में चल रहे नकारात्मक विचारों को धीमा करने में मदद करता है।
जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के डॉक्टरों द्वारा किए गए ट्रायल के परिणाम जामा सायकेट्री जर्नल में प्रकाशित हुए है।
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परिणामों की सटीकता को देखते हुए ट्रायल के डॉक्टरों ने मानसिक विकारों के पीड़ितों का तनाव घटाने के लिए माइंडफुलनेस मेडिटेशन की सिफारिश की है।
उनके अनुसार, माइंडफुलनेस मेडिटेशन का एक बड़ा फायदा यह है कि इसमें प्रशिक्षित होने के लिए क्लिनिकल डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है।
इसका अभ्यास सत्र मेडिकल सेटिंग से बाहर स्कूल या सामुदायिक केंद्र में भी किया जा सकता है।
गौरतलब है कि दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे मानसिक विकारों से डिप्रेशन, आत्महत्या, और विकलांगता का खतरा बढ़ सकता है।
इन समस्याओं के लिए निर्धारित दवाएं बहुत तेज, आसानी से न मिलने वाली, कम प्रभावी या गंभीर साइड इफेक्ट वाली हो सकती है।
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इस बारे में डॉक्टरों को अधिक जानकारी आठ सप्ताह तक आयोजित किए गए एक माइंडफुलनेस मेडिटेशन अभ्यास कार्यक्रम से प्राप्त हुई थी।
276 रोगियों को भर्ती कर हुए इस माइंडफुलनेस संबंधी अभ्यास कार्यक्रम के पूरा होने पर उनकी चिंता के लक्षणों का मूल्यांकन किया गया।
कार्यक्रम की समाप्ति पर 102 रोगियों ने मेडिटेशन अभ्यास और 106 ने अपनी एंटीड्रिप्रेसेंट दवा का कोर्स पूरा किया था।
दोनों तरह के मरीज़ों ने अपने चिंता लक्षणों और गंभीरता में 30% तक कमी आने की सूचना दी।
नतीजों से उत्साहित मेडिकल सेंटर के विशेषज्ञों ने माइंडफुलनेस मेडिटेशन को नींद और डिप्रेशन के लिए भी लाभकारी माना है।