आमतौर पर हम चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए सौंदर्य प्रसाधनो का इस्तेमाल करते है लेकिन क्या सिर्फ सोने का तरीका बदलने से भी हम अपनी सुंदरता को बढ़ा सकते है?
अब विज्ञान ने इस बारे में कुछ शोध को आधार बना कर ये बताया है कि उम्र बढ़ने के साथ हमारे शरीर पर नींद लेने की अवस्था का प्रभाव पड़ता है। अमेरिका की जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) के न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राचेल सालास का दावा है कि आपके चेहरे की खूबसूरती, खर्राटे और सीने में जलन का कनेक्शन आपके सोने के तरीके से भी है।जैसे-जैसे आप बुढ़ापे की ओर बढ़ते हैं, सोने के तरीके और नींद लेने पर असर पड़ता है। अगर झुर्रियां रोकना चाहते हैं तो पीठ के बल लेटना चाहिए और खर्राटों से बचना है तो करवट लें। वैसे भी, उम्र कोई भी हो 6 से 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है और रात में देर तक जगना कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है।
6 से 8 घंटे की नींद जरूरी
जब आप करवट लेकर या पेट के बल सोते हैं, तब उठने के बाद चेहरे पर सिकुड़न महसूस की होगी। ऐसे में पीठ के बल सोएं। चेहरे पर झुर्रियां धीमे आएंगी।रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद आपको फिजिकल और मेंटली आपको रिलैक्स रखती है। इसके अलावा रात में देर तक जागने की आदत का असर भी चेहरे पर पड़ता है।
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खर्राटे आते हैं तो बदलें सोने का तरीका
स्लीप एप्निया (sleep apnea) के कारण ढंग से सांस लेने में दिक्कत होती है। हवा का फ्लो रुकता है। इसके चलते लोग जोर-जोर से खर्राटे लेते हैं। ऐसे में करवट लेकर या फिर पेट के बल लेटना फायदेमंद हो सकता है।
पीठ या गर्दन में दर्द हो तो ये ध्यान रखें
प्रो. राचेल कहते हैं, पीठ या गर्दन दर्द के मामले में स्थिति थोड़ी अलग है। कुछ लोगों का मानना है कि पीठ के बल सोने से दर्द कम होता है तो कुछ का कहना है कि ऐसा करने पर दर्द और बढ़ सकता है। प्रो. राचेल के मुताबिक, ऐसी स्थिति में सोने की पोजिशन के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं और देख सकते हैं कि कौन सी स्थिति में आपका दर्द कम हो रहा है।
सीने में जलन है तो बाईं करवट लेकर सोएं
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दाईं करवट लेकर लेटने पर समस्या बढ़ सकती है। ऐसे व्यक्ति जिन्हें गैट्रोसोफेगल रिफलक्स डिसीज (Gastroesophageal reflux disease -GERD) यानी खाना भोजन नली में ऊपर चढ़ने की समस्या है, जैसे गर्भवती महिलाएं, तो उनमें यह दिक्कत जरूर बढ़ती है। ऐसे में बाईं करवट सोएं तो जलन कम होगी।