शराब पीने (Alcohol Consumption) से युवाओं की सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को बताती एक स्टडी हाल ही में प्रकाशित हुई है।
न्यूरोलॉजी में प्रकाशित इस स्टडी के नतीजे, 20 से 30 वर्षीय युवाओं को मध्यम से लेकर भारी मात्रा में शराब पीने पर स्ट्रोक (Stroke) का ख़तरा अधिक बताते है।
इसके अतिरिक्त, कम या शराब न पीने वालों के मुक़ाबले अधिक पीने वाले युवाओं में साल दर साल स्ट्रोक का ख़तरा गहराते भी पाया गया है।
जानकारी देने वाले सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने युवाओं में स्ट्रोक की बढ़ती दर रोकने के लिए कम शराब पीने की सलाह दी है।
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उन्हें यह सूचना कोरियाई नेशनल हेल्थ डेटाबेस में मौजूद 20 से 30 वर्षीय युवाओं के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की छानबीन से मिली है।
15 लाख से अधिक लोगों को शामिल कर औसतन छह साल तक चली स्टडी के दौरान कुल 3,153 को स्ट्रोक पड़ा।
पता चला कि दो या अधिक वर्षों से रोज़ाना एक ड्रिंक से अधिक (105 ग्राम या ज़्यादा) पीने वालों को स्ट्रोक पड़ने की संभावना लगभग 20% थी।
युवाओं में जैसे-जैसे शराब पीने के वर्षों की संख्या बढ़ती गई, वैसे-वैसे स्ट्रोक का ख़तरा भी बढ़ता गया।
यह ख़तरा तीन से चार साल तक रोज़ाना शराब पी रहे युवाओं में क्रमशः 22% और 23% तक बढ़ा हुआ था।
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उनके मुक़ाबले प्रतिदिन एक ड्रिंक से कम पीने वालों को स्ट्रोक पड़ने का ख़तरा नहीं था।
ये परिणाम शोधकर्ताओं द्वारा स्ट्रोक को प्रभावित करने वाले हाई बीपी, स्मोकिंग और अधिक वज़न जैसे अन्य जोख़िमों को देखने के बाद ही बताए गए है।
उन्होंने भारी शराब पीने वाले युवाओं में स्ट्रोक की घटनाएं रोकने के लिए शराब की खपत कम करने की सलाह दी है।
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