यूएसए की एक नई स्टडी ने हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स (Hair straightening products) से महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर (Uterine cancer) का ख़तरा बताया है।
नतीजों में ऐसे प्रोडक्ट्स इस्तेमाल न करने वाली महिलाओं की अपेक्षा नियमित उपयोग करने वालियों को यूट्रस के कैंसर का अधिक ख़तरा पाया गया है।
हालांकि, हेयर डाई, ब्लीच, हाइलाइट्स या पर्म जैसे बालों के अन्य प्रोडक्ट्स से इस कैंसर के होने का कोई संबंध नहीं मिला है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ साइंसेज के वैज्ञानिकों की यह स्टडी, 35 से 74 वर्षीय 33,497 अमेरिकी महिलाओं के हेल्थ डाटा पर आधारित थी।
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11 वर्षों तक उनकी सेहत देखने के बाद, 378 महिलाओं में गर्भाशय कैंसर पनपने की जानकारी मिली।
वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन महिलाओं ने पिछले वर्ष बालों को सीधा करने वाले प्रोडक्ट्स चार गुना से भी अधिक उपयोग किए थे, उनमें यूट्रस कैंसर विकसित होने की संभावना, उपयोग न करने वाली महिलाओं की अपेक्षा दोगुनी से अधिक थी।
हेयर स्ट्रेटनर का बार-बार इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में यह जोख़िम 4.05% तक बढ़ा हुआ मिला।
स्टडी में, कम उम्र से ही ऐसे प्रोडक्ट्स इतेमाल करने के चलते अश्वेत महिलाओं को इस कैंसर से अधिक प्रभावित पाया गया।
जर्नल ऑफ़ नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट में छपे निष्कर्ष, पहले हुई स्टडीज़ के अनुरूप ही मिले।
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उनमें भी हेयर स्ट्रेटनर से महिलाओं में हार्मोन संबंधित कैंसर का खतरा बताया गया था।
वैज्ञानिकों की राय में, स्ट्रेटनर में पाए जाने वाले पैराबेंस, बिस्फेनॉल ए, मेटल और फॉर्मलाडेहाइड जैसे केमिकल्स बालों की जड़ों से होते हुए शरीर में पहुंचकर गर्भाशय के कैंसर का ख़तरा बढ़ा सकते हैं।
हालांकि, उन्होंने इन निष्कर्षों की पुष्टि करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता भी कही है।
बता दें कि भले ही गर्भाशय कैंसर के मामले कम है, लेकिन साल 2022 में इससे प्रभावित 65,950 नए मामले मिलने का अंदेशा है।
इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने हेयर डाई एवं स्ट्रेटनर से ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर के ख़तरे की चेतावनी दी थी।
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