Weight Loss: यूएस स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा की गई एक नई स्टडी ने वज़न घटाने (Weight Loss) को दुबले-पतले (Lean) लोगों की बजाए केवल मोटापा (Obesity) पीड़ितों के लिए ही लाभकारी पाया है।
लगभग 200,000 लोगों के स्वास्थ्य विश्लेषण से पता चला है कि किसी भी तरीक़े से वज़न कम करना (Weight Loss) अधिक वज़न (Overweight) या मोटापे (Obesity) वालों को तो लंबे समय तक स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है, लेकिन दुबले व्यक्तियों को नहीं।
जर्नल पीएलओएस मेडिसिन में प्रकाशित उनकी स्टडी के नतीजे, 4.5 kg से अधिक वज़न कम करने वाले मोटे लोगों के ओवरवेट (Overweight) और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का शिकार होने का ख़तरा कम बताते है।
हैरानी की बात रही कि दुबले व्यक्तियों को वज़न घटाने के प्रयासों से बाद के जीवन में वज़न बढ़ने या डायबिटीज का ख़तरा टलने जैसे लाभ मिलते नहीं दिखें।
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यह सर्वविदित है कि मोटापा टाइप 2 डायबिटीज सहित कई बीमारियों के उच्च जोख़िम का कारण है। इनसे बचने के लिए वज़न कंट्रोल करना एक प्रभावी रणनीति मानी गई है।
हार्वर्ड टी.एच.चेन स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ और अन्य संस्थाओं की साझा स्टडी में, अधिक वज़न घटाने और न घटाने वाले मोटे लोगों के बीच 10 साल तक वज़न परिवर्तन और 24 साल तक डायबिटीज जोख़िम की तुलना की गई थी।
वज़न घटाने से 24 साल बाद मोटापा ग्रस्त इंसानों को डायबिटीज का ख़तरा कम हो गया था।
एक्सरसाइज (Exercise) द्वारा मोटापा घटाने वालों को डायबिटीज होने में 9% की कमी देखी गई थी। हालांकि, दवाओं से वज़न कम करने वालों को डायबिटीज का जोख़िम 42% बढ़ा हुआ था।
यही नहीं, दुबले व्यक्तियों को भी वज़न घटाने के बावजूद भविष्य में वज़न बढ़ने या टाइप 2 डायबिटीज होने का ख़तरा था।
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विशेषज्ञों का मानना था कि वज़न घटाना ओवरवेट और मोटापा पीड़ितों के लिए तो लाभदायक हो सकता है, लेकिन पतले इंसानों द्वारा जानबूझकर वज़न घटाना सेहत के लिए नुकसानदेह है।
स्टडी में लंबे समय तक वजन नियंत्रण और रोकथाम के लिए एक्सरसाइज करना अन्य उपायों से ज़्यादा प्रभावी मिला।
नतीजों की मानें तो मोटापा पीड़ित थोड़ा-सा ही वज़न घटाने के बाद लंबे समय तक बीमारियों में राहत और स्वास्थ्य लाभ का आनंद ले सकते है।
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