Cardiovascular disease risk factors: दिल संबंधी बीमारियों से बचाने के लिए पुरुषों और महिलाओं को लगभग एक जैसी मेडिकल सलाह और इलाज दे सकते है, ये कहना है एक बड़ी स्टडी का।
कई देशों के मेडिकल एक्सपर्ट्स ने हालिया अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में विश्व स्तर पर पुरुषों और महिलाओं में हृदय रोग ( Heart disease) और स्ट्रोक (Stroke) के जोखिम पैदा करने वाले कारण काफी हद तक समान पाए है।
यह जानकारी कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (Cardiovascular disease- CVD) से त्रस्त पांच महाद्वीपों के 21 निम्न, मध्यम और उच्च आय वाले देशों की व्यस्क जनसंख्या पर औसतन 10 वर्षों तक नज़र रखने के बाद मिली है।
वैश्विक अध्ययन ने 35 से 70 वर्ष के बीच बिना सीवीडी वाले लगभग 156, 000 पुरुषों और महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज, स्मोकिंग, डाइट और डिप्रेशन सहित अन्य जोखिमों का आकलन किया था।
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स्टडी में विशेषकर महिलाओं को कम उम्र में सीवीडी विकसित होने का जोखिम पुरुषों की अपेक्षा घटा हुआ था।
हालांकि, गलत खान-पान की आदतों के चलते पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सीवीडी का जोखिम अधिक देखा गया।
खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) और डिप्रेशन के लक्षण महिलाओं के मुक़ाबले पुरुषों में सीवीडी का ख़तरा पैदा करने में अधिक मजबूती से जुड़े थे।
मेडिकल एक्सपर्ट्स को मिले ये नतीजे सभी देशों की जनसंख्या में एक समान पाए गए।
द लांसेट में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, महिलाओं और पुरुषों में समान सीवीडी जोखिम कारक होते है। इसलिए, पुरुषों और महिलाओं में सीवीडी की रोकथाम के लिए समान रणनीति के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए।
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