Insufficient sleep in teenagers: रात में आठ घंटे से कम सोने वाले किशोरों को अधिक वजन (Overweight) या मोटापे (Obesity) की समस्या हो सकती है, ये कहना है एक नई स्टडी का।
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के एक सम्मेलन में प्रस्तुत स्टडी की मानें तो बढ़ती उम्र के बच्चों को कम नींद से मोटापे के अलावा बढ़ी हुई तोंद, हाई ब्लड प्रेशर, असामान्य कोलेस्ट्रॉल और ब्लड ग्लूकोज की दिक्कत भी हो सकती है।
ये जानकारी स्पेन के एक सर्वे में 12 से 16 वर्षीय 1,229 लड़कों और लड़कियों की नींद की अवधि और स्वास्थ्य के बीच संबंध देखने के बाद मिली है।
पता चला है कि सर्वेक्षण में शामिल 12 साल के केवल 34% बच्चे ही रात में कम से कम 8 घंटे सोते थे।
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उनके सोने के समय में 14 और 16 साल की उम्र आते-आते क्रमश: 23% और 19% तक की गिरावट जानी गई। हालांकि, नींद की कमी लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में ज़्यादा थी।
नतीजन, कम नींद लेने वाले 12, 14 और 16 वर्ष वालों को अधिक वजन या मोटापे की समस्या क्रमशः 27%, 24% और 21% थी।
8 घंटे तक सोने वाले 12 औऱ 14 वर्षीय के मुक़ाबले उतनी ही उम्र के कम सोने वालों में अधिक वजन और मोटापा क्रमशः 21% और 72% अधिक होने की संभावना थी।
कम सोने वालों में उम्र के साथ-साथ वज़न और मोटापा बढ़ने की भी आशंका थी। इसके अलावा, उन्हें बढ़ते वज़न से उत्पन्न होने वाली अन्य शारीरिक समस्याओं का भी अधिक ख़तरा था।
नतीजों को देखते हुए स्टडी करने वालों ने पर्याप्त नींद को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। ध्यान ने देने पर अतिरिक्त वजन और संबंधित मेटाबॉलिक सिंड्रोम अंततः हृदय रोगों का कारण बन सकते है।
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ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि बच्चों के सोने और स्मार्टफोन देखने के समय को सीमित करें।
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