महिलाओं पर हुई एक स्टडी ने शाकाहारी (Vegetarian) होने से कूल्हे के फ्रैक्चर (Hip fracture) की ज़्यादा संभावना बताई है।
26,000 से अधिक 35 से 70 वर्षीय यूके की महिलाओं में से शाकाहारियों को मांसाहारियों की तुलना में हिप फ्रैक्चर का 33% अधिक ख़तरा जाना गया है।
बीएमसी मेडिसिन में छपी स्टडी करने वाले लीड्स यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने लगभग 20 वर्षों में अस्पताल के रिकॉर्ड से हिप फ्रैक्चर के 822 मामलों की जांच की थी।
उनमें से शाकाहारियों को ही हिप फ्रैक्चर का अधिक ख़तरा देखने को मिला।
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हालांकि, विशेषज्ञ दल शाकाहारियों में हिप फ्रैक्चर का अधिक खतरा होने के कारण स्पष्ट रूप से ख़ोज नहीं पाए।
उनके अनुसार, शाकाहारी भोजन में हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य से जुड़े पोषक तत्व कम मिलते है।
प्रोटीन, कैल्शियम और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों पौधों की अपेक्षा मांस और अन्य पशु उत्पादों में प्रचुर मात्रा में होते हैं।
इन पोषक तत्वों की कमी से हड्डियों और मांसपेशियों का घनत्व कम हो सकता है, जिससे हिप फ्रैक्चर अधिक होने का डर पैदा होता है।
यह प्रमाणित किया गया है कि मांसाहारी भोजन की जगह शाकाहार से डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर का ख़तरा कम कर होता है।
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साथ ही, बढ़ते जलवायु परिवर्तन के ख़तरे से निपटने के लिए भी पशु उत्पादों का सेवन कम करने की आवश्यकता कही गई है।
विशेषज्ञों ने शाकाहारियों में मांसाहारियों की अपेक्षा कम बीएमआई होना भी हिप फ्रैक्चर के ज़्यादा ख़तरे से जुड़ा पाया है।
कम बीएमआई से वज़न में कमी का संकेत मिलता है, जिससे हड्डियों और मांसपेशियों के ख़राब स्वास्थ्य का पता चलता है। यह चिंताजनक स्थिति भी हिप फ्रैक्चर का जोख़िम बढ़ाती है।
हालांकि, स्टडी के आधार पर विशेषज्ञों ने शाकाहार को नुकसानदायक मानने से इंकार करते हुए विभिन्न परिणामों के कारणों की पहचान के लिए अधिक जांच की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
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