Kidney stone diet: कैल्शियम और पोटेशियम युक्त डाइट (Calcium and potassium diet) बार-बार होने वाली गुर्दे की पथरी (Kidney stone) को रोक सकती है, ऐसा मेयो क्लिनिक की हालिया स्टडी में पाया गया है।
बता दें कि पथरी कष्टदायक होने के अलावा क्रोनिक किडनी डिजीज, ऑस्टियोपोरोसिस और दिल की तमाम बीमारियों से भी जुड़ी पाई गई है।
यही नहीं, एक बार पथरी होने पर पांच साल के भीतर ही दूसरी बनने की संभावना 30% तक होती है।
हालांकि, बार-बार होने वाली पथरी को रोकने के लिए आहार में परिवर्तन अक्सर लाभदायक होते है।
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इस बारे में और ख़ोजबीन की है मेयो क्लिनिक के एक्सपर्ट्स ने, जिसके निष्कर्ष बताते हैं कि डाइट में कैल्शियम और पोटेशियम वाली खाने-पीने की चीज़ें अधिक लेने से गुर्दे की पथरी का बनना रोक जा सकता है।
ये निष्कर्ष पहली बार गुर्दे की पथरी से पीड़ित 411 रोगियों की आहार संबंधी आदतों के विश्लेषण से मिले है।
उनके खान-पान की तुलना बिना पथरी वाले 384 लोगों की लाइफस्टाइल से की गई तो पता चला कि कम कैल्शियम, पोटेशियम, पानी, कैफीन और फाइटेट पहली बार रोगसूचक गुर्दे की पथरी होने की संभावना से जुड़े हुए थे।
जिन रोगियों को पहली बार पथरी हुई थी, उनमें से 73 ने लगभग चार वर्षों बाद फिर से पथरी बनने की समस्या बताई।
स्टडी में पाया गया कि पहली बार पथरी बनने की संभावना प्रतिदिन 3,400 मिलीलीटर से कम पानी पीने सहित फाइटेट और कैफीन से भी जुड़ा है।
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कम पानी और कैफीन सेवन से पेशाब जाने की निरंतरता एवं मात्रा घटती है, जिससे पथरी बनने में तेजी आती है।
फाइटेट एक एंटीऑक्सिडेंट यौगिक है जो साबुत अनाज, नट्स और अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इससे कैल्शियम सोखने और पेशाब में कैल्शियम के निकल जाने की मात्रा बढ़ सकती है।
नतीजे बताते है कि रोज़ाना 1200 मिलीग्राम कैल्शियम सेवन से पहली बार और बार-बार होने वाले किडनी स्टोन को रोकने में मदद मिल सकती है।
इसके लिए रोगियों को अपनी डाइट में कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर फलों और सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
पोटेशियम से भरपूर फलों में केला, संतरा, अंगूर, खरबूजा और खुबानी, जबकि सब्जियों में आलू, मशरूम, मटर, खीरा और तोरी शामिल हैं।
ज़्यादा जानकारी मेयो क्लिनिक प्रोसिडिंग्स में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।
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