एक नई रिसर्च ने हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) वालों को गंभीर COVID-19 होने का दोगुना ख़तरा बताया, भले ही उन्हें सभी वैक्सीन लग चुकी हो।
यह जानकारी दिसंबर 2021 और अप्रैल 2022 के बीच लॉस एंजिल्स के अस्पतालों में भर्ती COVID-19 संक्रमितों के स्वास्थ्य-विश्लेषण से मिली।
नतीजों में, हाई बीपी कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम दोगुने से अधिक पाया गया। भले ही मरीज ने COVID-19 टीकों सहित बूस्टर डोज़ भी क्यों न लगवाई हो।
गौरतलब रहा कि हाई बीपी, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, के मरीजों को गंभीर COVID-19 होने का ख़तरा डायबिटीज, किडनी डिजीज या हार्ट फेलियर से पीड़ित होने के बिना भी बना रहा।
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गंभीर COVID-19 का ख़तरा ख़राब स्वास्थ्य वाले बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि हाई बीपी से पीड़ित किसी भी उम्र के व्यस्क को देखा गया।
रिसर्च में COVID-19 वैक्सीन की तीन खुराक ले चुके 912 वयस्कों में से लगभग 16% को अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत थी। अस्पताल में भर्ती के समय 145 रोगियों में से 125 (86.2%) को हाई बीपी की समस्या थी।
वृद्धावस्था, हाई बीपी, किडनी रोग, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और अंतिम वैक्सीन वाले – सभी को COVID-19 संक्रमण होने पर अस्पताल में भर्ती होने का ख़तरा था।
लेकिन हाई बीपी वालों को गंभीर COVID-19 बीमारी के डर से भर्ती की संभावना 2.6 गुना अधिक थी, भले ही उन्हें कोई अन्य गंभीर बीमारी हो या नहीं।
इसे देखते हुए रिसर्चर्स ने वैक्सीन की सभी डोज़ लगे होने पर भी गंभीर कोरोना को रोक पाना मुश्किल बताया, ख़ासकर हाई बीपी वालों में।
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हालांकि, हाई बीपी होने पर गंभीर कोरोना क्यों हुआ, इसके लिए उन्होंने आगे और ख़ोज करने की संभावना बताई।
यह रिसर्च अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की पत्रिका हाइपरटेंशन में प्रकाशित हुई।
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