Refined grain and diabetes: मैदे से बने ब्रेड, पास्ता या बिस्कुट खाने से टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) नहीं होती, ये कहना है एक नई स्टडी का।
मेयो क्लिनिक प्रोसीडिंग्स में प्रकाशित एक ताज़ातरीन रिपोर्ट में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो मैदे जैसे रिफाइंड अनाज (Refined grain) से बनी खाने की चीज़ों को टाइप 2 डायबिटीज के ख़तरे से जोड़ता हो।
एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के हवाले से कहा गया है कि 11 विभिन्न आबादियों के लगभग चार लाख पुरुषों और महिलाओं की जांच के निष्कर्ष रिफाइंड अनाज की खपत और डायबिटीज के जोखिम के बीच कोई संबंध नहीं दिखाते।
ये निष्कर्ष इस धारणा का खंडन करते है कि रिफाइंड और फाइबर रहित अनाज सीधे तौर पर टाइप 2 डायबिटीज करते है।
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ऐसे में ये कहना भ्रामक होगा कि ब्रेड, पास्ता, केक, कुकीज, स्वीट रोल्स, और मफिन जैसे खाद्य पदार्थ डायबिटीज का जोखिम बढ़ाते है और साबुत अनाज इस जोखिम को कम करता है।
हालांकि, समीक्षा में शामिल कई अध्ययनों से संकेत मिला है कि सफेद चावल अधिक खाने से मुख्यत: एशियाई आबादी में डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, रिफाइंड अनाज से डायबिटीज होने का ख़तरा बताने वाली अधिकांश रिसर्च, ऐसे अनाज को लाल और प्रोसेस्ड मीट, मीठे ड्रिंक्स, फ्रेंच फ्राइज़ और अधिक फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स की अस्वस्थ श्रेणी में रखते है।
रिफाइंड अनाज की जगह खाने-पीने की ऐसे बाज़ारु चीज़ें डायबिटीज के उच्च जोखिम वाली श्रेणियों में आती है।
इसके विपरीत, अधिकांश रिफाइंड अनाज अभी भी विटामिन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से समृद्ध जाने गए है।
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इसलिए, विभिन्न प्रकार के अनाजों का सेवन इंसानों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।